Payal Tadvi Suicide Case: चार्जशीट पर उठे सवाल, आत्महत्या की वजह जातीय टिप्पणी या फिर रैगिंग?
चार्जशीट में डॉक्टरों के बयानों के मुताबिक रैगिंग के कारण पायल ने आत्महत्या की. इसमें मेडिकल कालेज के लगभग 50 डाक्टरों के बयान भी दर्ज हैं.
highlights
- पायल तड़वी की चार्जशीट को लेकर कन्फ्यूजन
- आत्महत्या की वजह रैगिंग या जातीय टिप्पणी
- क्राइम ब्रांच ने दायर की 1200 पन्नों की चार्जशीट
नई दिल्ली:
Payal Tadvi Suicide Case मुंबई क्राइम ब्रांच ने नायर अस्पताल की मेडिकल छात्रा पायल तड़वी की आत्महत्या के मामले में सोमवार को चार्जशीट दायर की. क्राइम ब्रांच द्वारा दायर की गई 1200 पन्नों की चार्जशीट में एक चौंकानें वाली बात सामने आई है. जिसमें पायल के साथ काम करने वाले अन्य डॉक्टरों और सीनियर डॉक्टरों ने पायल की आत्महत्या की वजह रैगिंग और मानसिक उत्पीड़न बताई है तो वहीं मेडिकल कालेज के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने जातिगत टिप्पणी का जिक्र किया है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि पायल तड़वी की आत्महत्या की मुख्य वजह क्या थी? उसके साथ हुई रैगिंग है या फिर जातीय टिप्पणी?
आपको बता दें कि मेडिकल स्टूडेंट पायल तड़वी ने 22 मई को मुंबई के नायर अस्पताल में आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मामले में लापरवाही बरतने के कारण कई बार प्रदर्शन किए गए. इस मामले में पायल तड़वी की मां ने बेटी की आत्महत्या की वजह जहां जातीय टिप्पणी को बताया तो वहीं अब क्राइम ब्रांच ने 1203 पन्नों की चार्जशीट बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की है. इस चार्जशीट में डॉक्टर पायल तड़वी के साथ काम करने वाले सहयोगी डॉक्टरों, अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों के बयान दर्ज हैं. एक ओर जहां पायल का परिवार जातिगत टिप्पणी को आत्महत्या की वजह बता रहा है तो वहीं पायल के साथ काम करने वाले डॉक्टरों ने इसका जिक्र नहीं किया.
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चार्जशीट में डॉक्टरों के बयानों के मुताबिक रैगिंग के कारण पायल ने आत्महत्या की. इसमें मेडिकल कालेज के लगभग 50 डाक्टरों के बयान भी दर्ज हैं. जिसमें पायल के सहयोगी डॉक्टर, यूनिट हेड, सीनियर डॉक्टर भी शामिल हैं. लगभग सभी ने माना कि पायल को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता था. मरीजों और अन्य सहकर्मियों के सामने उसे अपमानित किया जाता था. आरोपी डॉक्टर उसे धमकाते थे कि उनके रहते पायल को कभी डिलीवरी कराने नहीं मिलेगा. पायल को खाने पीने का समय भी नहीं दिया जाता था. उसे ढंग से आराम करने नहीं मिलता था.
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दर्ज बयानों के मुताबिक कालेज के सीनियर डॉक्टरों ने भी कई बार आरोपी डॉक्टरों को समझाया था कि किसी भी स्टूडेंट की इतनी रैगिंग ठीक नहीं है, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना गया. हालांकि पायल की आत्महत्या के नौ दिन पहले पायल की मां की ओर से अस्पताल को लिखे गए शिकायती पत्र में जातीय टिप्पणी का जिक्र है. इसके अलावा अस्पताल की आया और सहायक कर्मचारियों ने पायल पर जातिगत टिप्पणी और भेदभाव होने की बात कही है, जो कि चार्जशीट में दर्ज है. तीनों आरोपी 29 मई से हिरासत में हैं. उनकी जमानत याचिका पर बांबे हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होनी है.
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