डीएमके नेता एमके स्टालिन और अन्य पार्टी नेताओं को विधानसभा के बाहर प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया गया है। डीएमके नेता विश्वास मत हासिल करने से पहले हुए कथित खरीद-फरोख्त के मुद्दे को लेकर तमिलनाडु विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान इन नेताओं को सदन से बाहर निकाल दिया गया और बाद में हिरासत में ले लिया गया है। कैश फॉर वोट के मामले में हुए एक स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में यह विधानसभा में प्रदर्शन कर रहे थे।
मीडिया से बात करते हुए स्टालिन ने कहा, 'विधानसभा अध्यक्ष ने हमें जबरन बाहर कर दिया, यह लोकतंत्र की हत्या है। ई पलनिसामी के नेतृत्व वाली सरकार को भंग किया जाना चाहिए।'
डीएमके नेता स्टालिन ने कहा, 'मैने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया, स्टिंग में शामिल 2 विधायकों से जवाब भी मांगा और साथ ही इस मामले में CBI जांच की मांग की लेकिन हमें जबरन बाहर निकाला दिया गया।'
स्टालिन ने कहा, 'मैंने विधानसभा में मुद्दे को उठाया और स्टिंग में मौजूद 2 विधायकों से इस बारे में जवाब मांगा। सीबीआई जांच की भी मांग की, लेकिन हमें बाहर कर दिया गया।'
बता दें कि ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले एआईएडीएमके के धड़े के एक विधायक के विडियो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस स्टिंग में उन्होंने फरवरी में हुए विश्वासमत से पहले सत्तारुढ़ पार्टी के विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का दावा किया है।
पन्नीरसेल्वम ने इस बात की खबर एक टीवी चैनल द्वारा प्रसारित होने के बाद विधायक एस.एस सर्वणन से इस बारे में जवाब भी मांगा है। विडियो में सर्वणन को यह दावा करते हुए देखा जा सकता है कि 18 फरवरी को हुए विश्वासमत से पहले सत्तारुढ़ पार्टी के विधायकों को पैसे दिए गए थे।
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Source : News Nation Bureau