ATM के बाहर फिर लगी लंबी लाइन, नोटबंदी जैसे हालात, जेटली ने बताई वजह
एक बार फिर देश के कई राज्यों में एटीएम मशीन के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई है। लोगों को फिर कैश की कमी के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली:
एक बार फिर देश के कई राज्यों में एटीएम मशीन के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई है। लोगों को फिर कैश की कमी के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश के भोपाल में कई दिनों से लोग एटीएम से पैसे निकालने की कोशिश में लगे हैं। लोगों का कहना है कि हम नकदी संकट का सामना कर रहे हैं, ATM से रुपये नहीं निकल रहे। यह स्थिति 15 दिन से बरकरार है।
वही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐसे हालात पर सफाई देते हुए कहा, 'देश में जरूरत से ज्यादा नोट सर्कुलेशन में हैं और बैंकों में भी पर्याप्त नोट उपलब्ध हैं। सरकार ने देश में करंसी के हालात की समीक्षा की है। ऐसे हालात अचानक कैश की ज्यादा डिमांड की वजह से हुए हैं। जहां कैश की किल्लत है उसे दूर किया जाएगा।'
Have reviewed the currency situation in the country. Over all there is more than adequate currency in circulation and also available with the Banks. The temporary shortage caused by ‘sudden and unusual increase’ in some areas is being tackled quickly.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) April 17, 2018
अरुण जेटली से पहले वित्त राज्यमंत्री एसपी शुक्ला ने करेंसी की कमी को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा, 'हमारे पास अभी 1,25,000 करोड़ रुपये की कैश करंसी है। एक समस्या यह है कि कुछ राज्यों के पास कम (कैश) करंसी है और कुछ के पास ज्यादा है। सरकार ने राज्य-स्तर पर कमिटी गठित कर दी हैं और RBI ने भी एक राज्य से दूसरे राज्य को नकदी ट्रांसफर करने के लिए कमिटी गठित कर दी है। यह 3 दिन में हो जाएगा।'
कैश क्रंच को लेकर विपक्ष सरकार पर एक बार फिर हमलावर हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।
अमेठी दौरे के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अच्छे दिनों का वादा किया था, लेकिन देश एक बार फिर कतारों में खड़ा है। क्या इन्हीं अच्छे दिनों की बात की जा रही थी। राहुल ने कहा कि हमें संसद में बोलने नहीं दिया जाता है, अगर मैं 15 मिनट संसद में भाषण दूं तो प्रधानमंत्री हमारे सामने खड़े नहीं हो पाएंगे।
वहीं टीएमसी सांसद डेरेके ओ ब्रायन ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- यह एक वित्तीय आपातकाल है। पीएम मोदी ने कहा था कि सबकुछ 50 दिनों में ठीक हो जाएगा, लेकिन अब 1.5 साल से ज्यादा हो चुके हैं और अभी भी नकदी संकट है।'
नकदी में कमी को लेकर SBI के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने कहा- कैश की कमी का एक कारण है कि खरीदी का मौसम आ गया है और किसानों को भुगतान किया गया है। जहां तक एसबीआई का सवाल है तो महाराष्ट्र और मुंबई में नकदी की कमी नहीं है।'
आर्थिक मामलों के विभाग के सेक्रेटरी एससी गर्ग का कहना है कि अगले कुछ दिनों में हम हर दिन 2500 करोड़ 500 के नए नोट सप्लाई करेंगे। एक महीने में लगभग 70000-75000 करोड़ रुपये की छपाई कर देंगे।
वहीं नोटबंदी के बाद फिर इस तरह के हालात को देखते हुए रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कि असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में लोगों के जरूरत से ज्यादा नकदी निकालने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है।
आपको बता दें 8 नवंबर 2017 को सरकार ने देश में सभी पूराने 500 और 1000 के नोटों को अवैध घोषित कर दिए थे। उस वक्त भी हालात ऐसे ही थे जब लोगों को कई घंटो तक लाइन में पैसे निकालने के लिए खड़ा होना पड़ता था।
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