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File photo- Getty Image
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा से पहले वित्त मंत्री अरूण जेटली से विचार-विमर्श किया था या नहीं, इस बारे में वित्त मंत्रालय ने जानकारी देने से मना कर दिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इस तरह का दावा किया है कि नोटबंदी की घोषणा से पहले वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार से मशविरा करने की जानकारी देना सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत ‘सूचना’ के दायरे में नहीं आता है।
सूचना का अधिकार कानून के तहत ‘सूचना’ से आशय ‘किसी भी रूप में उपलब्ध ऐसी जानकारी’ से है जो सार्वजनिक प्राधिकार के नियंत्रण में है।
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प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) ने वित्त मंत्रालय से आरटीआई के जरिये इस संबंध में जानकारी मांगी थी जिसके जवाब में कहा गया है कि इस प्रश्न के संबंध में दस्तावेज हैं लेकिन इन्हें सूचना का अधिकार कानून के तहत सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय ने आरटीआई कानून की धारा 8(1)(ए) के तहत इस संबंध में जानकारी देने से मना कर दिया। हालांकि, उसने यह बताने से मना कर दिया कि यह सूचना इस धारा के तहत किस तरह आती है।
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Source : News Nation Bureau