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केसी त्यागी (फाइल फोटो)
फेसबुक डेटा लीक मामले में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी से सफाई मांगी है।
दअरसल फेसबुक डेटा लीक मामले में सामने आई मुख्य आरोपी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की भारतीय सहायक कंपनी अमरीश त्यागी चलाते हैं, जो केसी त्यागी के बेटे हैं।
कैंब्रिज एनालिटिका पर करीब 5 करोड़ यूजर्स के डेटा को हैक कर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने का आरोप लगा है। अब यही मुद्दा भारतीय राजनीति में भूचाल का केंद्र बन चुका है।
JD(U) seeks explanation from KC Tyagi over data leak issue. #CambridgeAnalyticapic.twitter.com/Cbyx7GfcDL
— ANI (@ANI) March 22, 2018
बीजेपी ने जहां डेटा चोरी करने वाली कंपनी के साथ कांग्रेस पर काम करने का आरोप लगाया है तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर जवाबी पलटवार करते हुए 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में इस कंपनी की सेवा करने आरोप लगाया है।
हालांकि कंपनी की वेबसाइट दोनों ही पार्टियों के दावे को सही साबित करते हुए नहीं दिखाई देते हैं।
कैंब्रिज एनालिटिका की सहायक भारतीय कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) की वेबसाइट बताती है कि इसने बीजेपी, कांग्रेस, नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड को अपनी सेवाएं दी हैं।
ओबीआई की कमान ही केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी के हाथों में है।
ओवलेनो ने खुद को उस ज्वाइंट वेंचर का हिस्सा बताया है, जो एससीआई इंडिया और एससीएल ग्रुप लंदन के बीच हुआ है। एससीएल ग्रुप ही कैंब्रिज एनालिटिका की पैरेंट कंपनी है। मामला सामने आने के बाद से ओवलेनो की वेबसाइट को सस्पेंड किया जा चुका है।
एक अंग्रेजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में त्यागी ने इस बात को स्वीकार किया कि उनकी कंपनी ने 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी और 2010-11 में झारखंड में यूथ कांग्रेस के लिए काम किया था।
वहीं कैंब्रिज एनालिटिका की वेबसाइट बताती है कि कंपनी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में अपनी सेवाएं एक राजनीतिक दल को दी थीं। इसमें कहा गया है, 'हमारे क्लाइंट को चुनाव में ऐतिहासिक जीत मिली और जिन सीटों को सीए ने टारगेट किया था, उनमें से 90 फीसदी से अधिक सीटों पर उसे सफलता मिली।'
गौरतलब है कि इस चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को भारी सफलता मिली थी।