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कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीएजी को बाढ़ राहत में वित्तीय अनियमितताओं की जांच का निर्देश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीएजी को बाढ़ राहत में वित्तीय अनियमितताओं की जांच का निर्देश दिया

Updated on: 16 Nov 2021, 12:00 AM

कोलकाता:

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों के लिए बाढ़ राहत कोष की हेराफेरी से जुड़े आरोपों पर विचार करते हुए मामले की जांच करने का निर्देश सोमवार को सीएजी को दिया।

अदालत ने राज्य सरकार को जांच में सहायता करने और 14 फरवरी, 2022 तक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।

साल 2017 में मालदा और मुर्शिदाबाद में बाढ़ के बाद केंद्र सरकार ने प्रत्येक प्रभावित परिवार के लिए 70,000 रुपये मंजूर किए थे, लेकिन आरोप लगा कि पैसा बाढ़ प्रभावित लोगों तक नहीं पहुंचा।

आरोप यह भी लगा कि कुछ लोगों को एक से अधिक बार पैसा मिला। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी थी, क्योंकि कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में धन के दुरुपयोग की उचित जांच की मांग की गई थी।

स्थानीय प्रशासन ने एक हलफनामा दायर कर कहा था कि एक से अधिक बार प्राप्त धन वित्तीय हेराफेरी के कारण नहीं, बल्कि कुछ तकनीकी गड़बड़ का परिणाम था।

हालांकि, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने स्थानीय प्रशासन पर कोई ध्यान नहीं देते हुए कैग को मामले की जांच करने के लिए कहा और राज्य सरकार को जांच में मदद करने का निर्देश दिया।

पिछले साल चक्रवात अम्फान ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना सहित दक्षिण बंगाल के कई जिलों में व्यापक नुकसान किया था। भाजपा ने आरोप लगाया था कि केंद्र ने राहत के लिए पैसा भेजा था, जिसे बर्बाद कर दिया गया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.