Advertisment

कलकत्ता हाईकोर्ट ने की अग्निशमन सेवा कर्मियों के अंधाधुंध कार्यकाल विस्तार पर बंगाल सरकार की खिंचाई

कलकत्ता हाईकोर्ट ने की अग्निशमन सेवा कर्मियों के अंधाधुंध कार्यकाल विस्तार पर बंगाल सरकार की खिंचाई

author-image
IANS
New Update
Calcutta, High

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य अग्निशमन सेवा विभाग में अस्थायी कर्मचारियों के अंधाधुंध विस्तार पर मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।

मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक ने राज्य अग्निशमन सेवा विभाग में कुछ अस्थायी कर्मचारियों को दिए गए तीन साल के विस्तार के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया, जिन्हें मूल रूप से केवल एक वर्ष की अवधि के लिए भर्ती किया गया था।

उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को इस तरह का अंधाधुंध विस्तार दिया गया, उन्हें उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति बसाक ने कहा, “एक वर्ष की अवधि के लिए भर्ती को अनिश्चित काल तक नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी, इसमें राज्य अग्निशमन सेवा विभाग में अस्थायी कर्मचारियों की शर्तों के विस्तार के औचित्य पर सवाल उठाया गया था, जब एक ही विभाग में विभिन्न रैंकों में 5,000 से अधिक स्थायी पद खाली पड़े थे।

यह इंगित करते हुए कि वर्तमान में राज्य अग्निशमन सेवा विभाग में 1,200 अस्थायी कर्मचारी हैं, याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया कि स्थायी रोजगार की कुर्सियों को खाली रखते हुए अस्थायी कर्मचारियों की शर्तों को बढ़ाकर ऐसे महत्वपूर्ण विभाग के कामकाज को कैसे प्रबंधित किया जा सकता है।

अपनी दलील में राज्य के महाधिवक्ता एस.एन. मुखोपाध्याय ने बताया कि पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम, 1950 के अनुसार, कुल कर्मचारियों की संख्या का 50 प्रतिशत स्थायी है, इसके लिए सीधी भर्ती की जाती है, जबकि शेष 50 प्रतिशत सहायक स्वयंसेवकों में से की जाती है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार को अगले 15 दिनों के भीतर इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment