कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के बढ़े हुए महंगाई भत्ते और बकाए के भुगतान की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के आवास के पास प्रदर्शन करने की अनुमति दी।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने दक्षिण कोलकाता में हाजरा क्रॉसिंग पर प्रदर्शन के अंत में बैठक करने के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच को अनुमति दी। संयुक्त मंच आंदोलन की अगुवाई करने वाला छत्र संगठन है, जो ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के आवासों से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर है।
प्रदर्शन और सभा दोनों 6 मई को होनी है।
राज्य प्रशासन मुख्यमंत्री और उनके भतीजे के आवासों से निकटता को देखते हुए रैली को हरीश मुखर्जी रोड से गुजरने की अनुमति नहीं देना चाहता था। संयुक्त फोरम ने जस्टिस मंथा की पीठ का दरवाजा खटखटाया था, जिसकी सुनवाई गुरुवार को हुई।
राज्य सरकार के वकील ने कहा कि चूंकि हरीश मुखर्जी रोड की पहचान एक संवेदनशील क्षेत्र के रूप में की गई है, इसलिए रैली को इससे गुजरने की अनुमति देने से सुरक्षा भंग हो सकती है। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि जिस मार्ग से रैली को गुजरना प्रस्तावित है, उस मार्ग के कुछ हिस्सों में धारा 144 लागू है।
संयुक्त मंच के वकील और सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने तर्क दिया कि पुलिस ने उस क्षेत्र में 3 मई के बाद धारा 144 लागू कर दी है। इससे पहले संयुक्त मंच ने अनुमति के लिए पुलिस को आवेदन दिया था।
जस्टिस मंथा ने पूछा, अगर उस क्षेत्र में धारा 144 लागू होती है, तो यह माना जा सकता है कि रैली शहर के सबसे शांतिपूर्ण मार्गो में से एक से होकर गुजरेगी। हाजरा क्रॉसिंग पर हर दूसरे दिन राजनीतिक बैठकें होती हैं, तो हरीश मुखर्जी रोड पर आपत्ति क्यों।
इसके बाद उन्होंने रैली को हरीश मुखर्जी रोड से गुजरने की अनुमति दी। हालांकि, उन्होंने कहा कि रैली को बिना किसी आपत्तिजनक शब्दों के, शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS