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कैट ने एफडीआई उल्लंघन के लिए केंद्र से चीनी कंपनी शोपी पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया

कैट ने एफडीआई उल्लंघन के लिए केंद्र से चीनी कंपनी शोपी पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया

Updated on: 16 Dec 2021, 08:55 PM

नई दिल्ली:

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से चीनी ई-कॉमर्स कंपनी शोपी पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया, जिसमें उसने कंपनी की ओर से भारत में फेमा नियमों और 2020 के एफडीआई प्रेस नोट के खिलाफ काम करने का दावा किया है।

व्यापारिक संगठन ने केंद्र से मामले पर तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

2020 के नियम के अनुसार, किसी भी देश की एक इकाई, जो भारत के साथ भूमि सीमा साझा करती है या जहां निवेश का लाभकारी मालिक भारत में आधारित है या ऐसे किसी देश का नागरिक है तो केवल सरकारी मार्ग के माध्यम से निवेश किया जा सकता है।

कैट ने चीनी ई-कॉमर्स कंपनी शोपी पर नियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

सीतारमण को लिखे पत्र में व्यापारियों के निकाय ने दावा किया है कि शोपी एक चीनी ई-कॉमर्स दिग्गज है, जिसने भारत में अपना परिचालन एक इकाई, एसपीपीआईएन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से शुरू किया, जो दो होल्डिंग कंपनियों, एसपीपीआईएन-1 प्राइवेट लिमिटेड और एसपीपीआईएन-2 प्राइवेट लिमिटेड के पास है, जो कि दोनों सिंगापुर में पंजीकृत हैं।

पत्र में कहा गया है, इन दोनों संस्थाओं को केमैन आइलैंड्स में पंजीकृत एक अन्य मूल कंपनी एसपीपीआईएनलिमिटेड के तहत रखा गया है। संस्थाओं की यह जटिल संरचना भारत सरकार को धोखा देने और चीनी फंड को भारत में डालने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है।

इसमें आगे कहा गया है, इस प्रकार, आपसे मोबाइल एप्लिकेशन शोपी और संबंधित वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट शोपी डॉट इन और एसपीपीआईएन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सहित सभी समान रूप से स्थित संस्थाओं के खिलाफ जांच, पूछताछ तथा आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाता है, जैसा कि कानून में उचित समझा जा सकता है।

व्यापारियों के निकाय ने शोपी पर लूटने के उद्देश्य से मूल्य निर्धारण रणनीति अपनाने का भी आरोप लगाया, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा विकृत हो गई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.