नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों की डील में ऑफसेट सौदे को लेकर ऑडिट पूरी कर ली है. माना जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश कर दी जाएगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट में 2012-13 और 2017-18 के बीच तीन रक्षा सेवाओं के कम से कम 32 ऑफसेट अनुबंधों का ऑडिट शामिल है.
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फ्रांसीसी निर्माता दसौ एविएशन के साथ राफेल लड़ाकू विमान के लिए किए 59,000 करोड़ रुपये के 36 विमानों की डील के तहत पहली खेप अगले महीने भारत पहुंच जाएगी. दसौ एविएशन ने 2016 में IGA (अंतर-सरकारी समझौते) पर हस्ताक्षर करने की तारीख से यह सहमति जताई थी कि 36 से 67 महीने के भीतर सभी विमानों को भारत को हैंड ओवर कर देगा.
राफेल के ऑफसेट डील को लेकर भारत में भारी तूफान खड़ा हुआ था. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना लिया था. कांग्रेस इस डील की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी. दरअसल राफेल बनाने वाली निर्माता कंपनी दसौ एविएशन ने भारत में ऑफसेट पार्टनर के रूप में अनिल अंबानी के रिलायंस डिफेंस को चुना था. राहुल गांधी ने चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी को लेकर तमाम तरह के आरोप लगाए थे. राहुल गांधी ने इस दौरान चौकीदार चौर है का नारा भी दिया था.
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बताया जा रहा है कि सीएजी की रिपोर्ट में केवल राफेल के ऑफसेट डील की रिपोर्ट नहीं है, बल्कि इसमें 2012-13 और 2017-18 के बीच की 32 ऑफसेट डील की रिपोर्ट को समेटा गया है. रिपोर्ट में प्राइसिंग और आफसेट कांट्रैक्ट के तमाम पहलुओं को परखा गया है.
इससे पहले इसी साल फरवरी में राफेल डील को लेकर सीएजी रिपोर्ट संसद में पेश किया गया था. तब ऑफसेट डील को इसमें शामिल नहीं किया गया था.
HIGHLIGHTS
- अगले महीने भारत आ रही राफेल विमानों की पहली खेप
- लोकसभा चुनावों में बड़ा मुद्दा बना था राफेल
- राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर 'चौकीदार चोर है' के लगाए थे नारे
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो