logo-image

CAG Report : पीएम नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह सरकार की तुलना में 2.86% सस्‍ते में खरीदा राफेल लड़ाकू विमान

16वीं लोकसभा का यह अंतिम सत्र है. राज्‍यसभा में रिपोर्ट पेश कर दी गई है, जबकि लोकसभा 12 बजे तक स्‍थगित हो गई है.

Updated on: 10 Apr 2019, 08:48 AM

नई दिल्ली:

राफेल डील को लेकर देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग CAG) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट राज्‍यसभा में पेश हो गई. केंद्रीय मंत्री पी राधाकृष्‍णन ने राज्‍यसभा में यह रिपोर्ट पेश की. कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ राफेल डील में भ्रष्‍टाचार का आरोप लगा रही है, वहीं सरकार सिरे से इसे आधारहीन करार दे रही है. सीएजी रिपोर्ट में राफेल लड़ाकू विमान की कीमतों का जिक्र नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एनडीए सरकार ने जो सौदा किया है, वो यूपीए सरकार की तुलना में 2.86 फीसद सस्‍ती बताई गई है.  राहुल गांधी ने एक दिन पहले CAG रिपोर्ट को चौकीदार जनरल रिपोर्ट करार दिया था. 

News Nation के पास उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार, 36 राफेल लड़ाकू विमानों का ये सौदा पीएम मोदी के कार्यकाल में साल 2016 में हुआ था. इससे पहले यूपीए के कार्यकाल में 126 राफेल का सौदा हुआ था. राज्यसभा में पेश की गई CAG रिपोर्ट में कहा गया है, '126 विमानों के लिए किए गए सौदे की तुलना में भारत ने भारतीय जरूरत के अनुसार करवाए गए परिवर्तनों के साथ 36 राफेल विमानों के सौदे में 17.08 फीसदी रकम बचाई है. पहले 18 राफेल विमानों का डिलीवरी शेड्यूल उस शेड्यूल से 5 महीने बेहतर है, जो 126 विमानों के लिए किए गए सौदे में प्रस्तावित था.

जेटली बोले- महाझूठबंधन का चेहरा बेनकाब
राफेल पर सीएजी रिपोर्ट पेश होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए टि्वटर पर कहा, 'ये नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट भी गलत है, सीएजी भी गलत और सिर्फ परिवारवादी ही सही हैं. सीएजी की रिपोर्ट आने से 'महाझूठबंधन' का चेहरा बेनकाब हुआ है.

फ्रांसीसी कंपनी दसौ से 36 मोदी सरकार ने राफेल विमान तैयार व हथियारों से लैस खरीदे हैं. कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले रही है, जबकि सरकार भी कांग्रेस के आरोपों का खुलकर जवाब दे रही है. कैग रिपोर्ट की एक प्रति राष्ट्रपति के पास और दूसरी प्रति वित्त मंत्रालय के पास जाती है. बताया जा रहा है कि कैग ने राफेल पर 12 चैप्टर की रिपोर्ट तैयार की है.

कार्यवाही शुरू होने से पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन परिसर में मोदी सरकार के विरोध में काले बैनरों के साथ प्रदर्शन किया. काले बैनरों पर लिखा था- Modi Government expiry date is over.