NATIONAL CORN ON THE COB DAY पर जानिए रोजाना 100 ग्राम स्वीट कॉर्न खाने से मिलते हैं ये गजब के फायदे
Weather Update: उत्तर भारत में भीषण गर्मी, राजस्थान-पंजाब में 47 पार हुआ पारा
ईरान ने इजरायल के न्यूक्लियर ठिकाने​ को ढूंढ़ निकाला, दे दी धमकी
Haryana: चरित्र शक में पिता ने चार बच्चों संग दी जान, ट्रेन के आगे कूदकर की खुदकुशी
राजस्थान : रवि प्रकाश मेहरड़ा को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार मिला
Kerala Lottery Result: केरल लॉटरी के पहले मनी प्राइज ने चौंकाया, एक करोड़ रुपये का पुरस्कार
दिल्ली जीएम 2025: सात्विक ने कैटेगरी 'बी' का खिताब जीता, नारायणन और अभिजीत कैटेगरी 'ए' में बराबर
कमिंस ने लॉर्ड्स में डब्ल्यूटीसी फाइनल में सलामी बल्लेबाज के रूप में लाबुशेन का समर्थन किया
पीएम मोदी ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से लिया फीडबैक, एकता का दिया संदेश : गुलाम अली खटाना

सीएजी रिपोर्ट: सेना के पास महज दस दिनों की लड़ाई के लिए गोला-बारूद का रिज़र्व

संसद में रखे गए सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना के पास 10 दिनों से भी कम समय का हथियारों का स्टॉक है।

संसद में रखे गए सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना के पास 10 दिनों से भी कम समय का हथियारों का स्टॉक है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
सीएजी रिपोर्ट: सेना के पास महज दस दिनों की लड़ाई के लिए गोला-बारूद का रिज़र्व

भारतीय सेना के पास हथियारों की कमी (फाइल फोटो)

यंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने कहा है कि भारतीय सेना गंभीर तौर पर हथियारों की कमी से जूझ रही है। संसद में रखे गए सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना के पास 10 दिनों से भी कम समय का हथियारों का स्टॉक है। सीएजी ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं।

Advertisment

सीएजी ने कहा है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के प्रदर्शन में 2013 से कोई सुधार नहीं हुआ है। साथ ही रिपोर्ट में तोपों के गोले और आर्टिलरी की कमी की तरफ इशारा किया है और इसके लिये ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को ही दोषी माना है। साथ ही कहा है कि बोर्ड 2013 के रोडमैप के अनुसार काम नहीं कर रहा है।

साल 1999 में सेना ने तय किया था कि उसके पास कम से कम 20 दिन की अवधि के लिए रिजर्व होना ही चाहिए।

सीएजी ने कहा है, '(सितंबर 2016 तक) हथियारों की उपलब्धता को लेकर किसी तरह की प्रगति हमें नहीं दिखी है.... उपलब्धता के हिसाब से एमएआरएल से 55 फीसदी कम पाई गई है। साथ ही लाइव स्टॉक भी 10 दिनों से भी कम है।'

और पढ़ें: सीबीआई ने कहा, देसी बोफोर्स गन धनुष के लिये नकली चीनी पार्ट्स हुआ सप्लाई, मामला दर्ज

रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 20 फीसदी गोला-बारूद ही 40 दिन के मानक पर खरे उतरे।

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) वीके चतुर्वेदी ने बताया कि सीएजी ने हथियारों की कमी और खासकर विस्फोटकों और मिसाइलों में इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रिक फ्यूज़ की कमी की ओर इशारा किया है।

उन्होंने कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ की कमी को लेकर चिंता की ओर ध्यान दिलाया है। छोटे हथियारों में फ्यूज का इस्तेमाल नहीं होता। ऐसे में तोपों में इस्तेमाल होने वाले गोले, मोर्टार और मिसाइल को इसकी कमी का सामने करना पड़ सकता है।'

और पढ़ें: हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम पाक, अमेरिका 350 मिलियन डॉलर के फंड पर लगाई रोक

एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि हथियारों की कमी से सेना में सैनिकों की ट्रेनिंग में समस्या आ सकती है।

2013 में जिस रोडमैप को मंजूरी दी गई थी, उसके तहत तय हुआ था कि 10 दिन से कम अवधि के लिए गोला-बारूद की उपलब्धता को बेहद चिंताजनक माना गया है। 2013 में जहां 10 दिन की अवधि के लिए 170 के मुकाबले 85 गोला-बारूद ही (50 फीसदी) उपलब्ध थे, इस समय ये सिर्फ 152 के मुकाबले 61 (40 फीसदी) ही उपलब्ध हैं।

और पढ़ें: मजलूमों की आवाज़ दबाने के लिए बीजेपी देश को झूठ के रंग में रंगना चाहती है: राहुल गांधी

Source : News Nation Bureau

Ammunition CAG report indian-army
      
Advertisment