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चक्रवात यास को लेकर कैबिनेट सचिव का शून्य नुकसान के लिए उपाय पर जोर

चक्रवात के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के तटों तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.

Updated on: 22 May 2021, 10:45 PM

highlights

  • गौबा ने चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकालने पर जोर दिया
  • गौबा ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

नई दिल्ली:

चक्रवाती तूफान 'यास' के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के तटों तक पहुंचने की आशंका के बीच कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इस बात पर जोर दिया है कि जान माल के नुकसान और संपत्ति के विनाश को कम करने के लिए समयबद्ध तरीके से सभी उपाय किए जाने चाहिए. गौबा ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक के दौरान केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सभी नावों और जहाजों की वापसी सुनिश्चित करने के साथ-साथ चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकालने पर जोर दिया, ताकि जीवन की शून्य हानि हो. गौबा ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और कोविड अस्पतालों और केंद्रों के कामकाज में व्यवधान से बचा जाए. उन्होंने यह भी सलाह दी कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों से देश के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन के उत्पादन और संचलन को बनाए रखने के लिए कदम उठाए जाएं.

अधिकारी ने यह भी कहा कि बिजली, दूरसंचार और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं को बहाल करने के लिए प्रारंभिक व्यवस्था की जानी चाहिए और संबंधित एजेंसियों को निकट समन्वय में काम करने और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया. भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने समिति को बताया कि चक्रवात के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के तटों तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. इन राज्यों के तटीय जिलों में बारिश और तूफान का प्रकोप होने का अंदेशा है.

संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों ने चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए किए गए तैयारी उपायों से समिति को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है. मुख्य सचिवों ने एनसीएमसी की बैठक के दौरान बताया कि खाद्यान्न, पेयजल और अन्य आवश्यक आपूर्ति के पर्याप्त स्टॉक की व्यवस्था की गई है और बिजली और दूरसंचार जैसी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने की तैयारी की गई है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक ने बताया कि बल की 65 टीमें तैनात हैं और 20 और टीमें स्टैंडबाय पर हैं. जहाजों और विमानों के साथ थल सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के बचाव और राहत दल भी तैनात किए गए हैं.