केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आम बजट में रेल बजट के विलय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई इस बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद आम बजट और रेल बजट अलग-अलग पेश करने की 92 साल से चली आ रही परंपरा समाप्त हो जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्र अरुण जेटली ने कहा कि एक बजट होने के बाद भी रेलवे की स्वायत्तता बरकरार रहेगी।
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रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पहले ही इस रेल बजट को आम बजट में विलय करने के संबंध में अपनी सहमति दे दी थी।
विलय से संबंधित संयुक्त समिति ने तमाम पहलुओं और औपचारिकताओं को अंतिम रूप देकर अपनी रिपोर्ट इस माह के पहले हफ्ते में वित्त मंत्रालय को दिया था।
इस विलय के बाद अब आम बजट के साथ ही रेल बजट को पेश किया जाएगा। आम बजट के साथ ही रेल बजट के लिये अलग एनेक्सचर होगा। इस समय सातवें वेतन आयोग के कारण रेलवे पर 40 हज़ार करोड़ का अतिरिक्त व्यय का भार पड़ रहा है।
सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से हर साल रेलवे को हो रहे घाटे को कम किया जा सकेगा।