CAA विरोधी प्रदर्शनों में शामिल लोगों की जब्त संपत्तियां होंगी वापस, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब नोटिस वापस ले लिए गए हैं तो तय प्रक्रिया का पालन करना होगा. यदि कुर्की कानून के विरुद्ध की गई है और आदेश वापस ले लिया गया है, तो कुर्की को कैसे चलने दिया जा सकता है?
highlights
योगी सरकार ने जब्त की थी प्रदर्शनकारियों की संपत्ति
प्रदर्शनकारियों से की थी करोड़ों रुपये नुकसान की भरपाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार को लौटानी होगी जब्ती की राशि
नई दिल्ली:
देश के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि वो नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल रहे लोगों की जब्त संपत्तियों को लौटाए. कोर्ट ने कहा है कि सरकार जब लोगों के खिलाफ केस को वापस ले रही है, तो उसी केस के लिए की गई कुर्की-जब्ती कैसे सही हो सकती है. ये सुनवाई परवेज आरिफ टीटू की तरफ से दायर याचिका पर हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता की कोई दलील नहीं मानी और जब्त की गई संपत्तियों और करोड़ों की वसूली को वापस करने का निर्देश जारी कर दिया.
यूपी सरकार की दलील को किया अनसुना
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब नोटिस वापस ले लिए गए हैं तो तय प्रक्रिया का पालन करना होगा. यदि कुर्की कानून के विरुद्ध की गई है और आदेश वापस ले लिया गया है, तो कुर्की को कैसे चलने दिया जा सकता है? बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शुरू की गई 274 वसूली नोटिस और कार्यवाही को वापस ले लिया है.
ऐसे तो पूरी प्रक्रिया ही कहलाएगी अवैध!
सुप्रीम कोर्ट में यूपी रके अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट से वसूली की वापसी का आदेश नहीं लेने का आग्रह किया है क्योंकि यह राशि करोड़ों रुपये में चली गई और यह दिखाएगा कि प्रशासन द्वारा की गई पूरी प्रक्रिया अवैध थी. पीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता की इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार को रिफंड का निर्देश देने के बजाय क्लेम ट्रिब्युनल में जाने की अनुमति दी जानी चाहिए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया और सीधे लोगों की संपत्तियों की वापसी के निर्देश दिए.
पूरे देश में हुए थे प्रदर्शन, यूपी सरकार ने अपनाया था सख्त रूख
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के लागू करने के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे. इस मामले में देश की राजधानी दिल्ली समेत कई जगहों पर महीनों तक प्रदर्शन चले थे. कई जगहों पर सरकारों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कड़ा रुख अपनाया था. वहीं, यूपी सरकार ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए कड़ा रुख अपनाया था और आदेश दिया था कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई उसमें शामिल लोगों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है और सरकार को निर्देश दिया है कि वो सभी लोगों की संपत्तियां लौटाए, जिसे कुर्की की कार्रवाई के दौरान जब्त कर लिया गया था.
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