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CAA Protest: संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी, हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं

देश के विभिन्न हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहे और हिंसा की किसी बड़ी घटना की कोई सूचना नहीं है जबकि भाजपा ने इस नये कानून के समर्थन में अपना जवाबी अभियान चलाया.

Updated on: 22 Dec 2019, 11:22 PM

दिल्ली:

देश के विभिन्न हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहे और हिंसा की किसी बड़ी घटना की कोई सूचना नहीं है जबकि भाजपा ने इस नये कानून के समर्थन में अपना जवाबी अभियान चलाया. उत्‍तर प्रदेश सरकार ने सीएए के खिलाफ राज्‍य के विभिन्‍न जिलों में हुई हिंसा में ‘बाहरी तत्‍वों’ का हाथ होने का दावा करते हुए रविवार को कहा कि इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल के कट्टरपंथी संगठन पीएफआई और सिमी से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा में शामिल लोग प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के हैं. हिंसा के मामले में इस संगठन से जुड़े छह लोगों को पश्चिम बंगाल के मालदा से गिरफ्तार किया गया है. उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. शर्मा ने बताया कि हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 62 पुलिसकर्मी घायल हुए है. उन्होंने बताया, ‘‘प्रतिबंधित बोर के लगभग 500 खाली कारतूस मिले हैं. इससे पता चलता है कि प्रदर्शनकारी अवैध हथियारों का उपयोग कर रहे थे.’’

लखनऊ हवाई अड्डे पर पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस के चार सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल को अधिकारियों ने ‘हिरासत’ में ले लिया. यह प्रतिनिधिमंडल हिंसा में मारे गये लोगों के परिवार वालों से मिलने जा रहा था. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बिजनौर पहुंचीं और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुई हिंसा में मारे गये दो लोगों के परिजन से मुलाकात की और उन्होंने इस हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग की। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘यह सीधे तौर पर हत्या का मामला है. पहले पुलिस ने गोली चलायी, उसके बाद पथराव हुआ है. कांग्रेस इस मामले को संसद में उठायेगी और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाएंगे.’’

उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए मुजफ्फरनगर में 67 दुकानों को सील कर दिया और हिंसा प्रभावित विभिन्न जिलों में वीडियो फुटेज के माध्यम से दोषियों की पहचान की गई. पुलिस महानिरीक्षक (कानपुर रेंज) मोहित अग्रवाल ने कहा कि शनिवार की हिंसा के पीछे एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं और सिमी कार्यकर्ताओं की भूमिका होने की आशंका है.

उन्होंने कहा, ‘‘सिमी के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गये है.’’ पुलिस ने बताया कि राज्य की राजधानी और मेरठ, फिरोजाबाद, कानपुर और बिजनौर जैसे अन्य जिलों में कुल मिलाकर स्थिति शांतिपूर्ण रही. इंटरनेट सेवाएं कई क्षेत्रों में सोमवार तक बंद रहेगी, जबकि पूरे राज्य में निषेधाज्ञा आदेश लागू है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में एक रैली को संबोधित करते हुए लोगों से शांति की अपील की. इस बीच दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए. पुलिस ने कड़ी निगरानी रखी और संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला. केन्द्रीय मंत्रियों समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कई राज्यों में पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सीएए का बचाव किया.

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर जबकि भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंदौर में कार्यक्रमों को संबोधित किया. कनार्टक की राजधानी बेंगलुरु में रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित एक प्रदर्शन में हिस्सा लेकर लौट रहे 31 साल के एक व्यक्ति पर कुछ लोगों ने धारदार हथियारों से कथित रूप से हमला किया. पुलिस ने बताया कि हमले में घायल वरुण को पास के विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जाती है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में एक शांति मार्च का नेतृत्व किया और कहा कि उनकी सरकार राज्य में न तो सीएए लागू करेगी और न ही एनआरसी को लागू करेगी. उन्होंने कहा कि बिहार और ओडिशा सहित आठ- नौ राज्यों ने एनआरसी को लागू नहीं करने की बात कही है. पश्चिम बंगाल में राज्य के मंत्री और जमीयत-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष सिद्दिकउल्ला चौधरी ने धमकी दी कि अगर सीएए को फौरन वापस नहीं लिया गया तो जब भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यहां के दौरे पर आयेंगे तब उन्हें हवाई अड्डे से बाहर कदम नहीं रखने दिया जाएगा.

सीएए के विरोध में जमीयत-ए-हिंद की रैली में उन्होंने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो हम लोग उन्हें (शाह को) शहर के हवाई अड्डे के बाहर कदम नहीं रखने देंगे. उन्हें रोकने के लिए हम लोग एक लाख लोग को वहां जमा कर सकते हैं.’’ मेघालय की राजधानी के किसी भी हिस्से से नागरिकता कानून को लेकर हिंसा या आगजनी की खबरें नहीं आने के मद्देनजर रविवार की सुबह शिलांग से कर्फ्यू हटा लिया गया. लोगों को आस-पास की दुकानों में जरूरत का सामान और क्रिसमस के लिए उपहार तथा वस्तुएं खरीदते देखा गया. राज्य की राजधानी की सड़कें सुबह से ही क्रिसमस की लाइटों और तोरण द्वारों से सजने लगीं.

हालांकि, मणिपुर में राज्य सरकार ने नये नागरिकता कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के मद्देनजर इम्फाल पश्चिमी जिले में दो महीने के लिए निषेधाज्ञा आदेश लागू किए हैं. तमिलनाडु के कई हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ इस्लामिक संगठनों के करीब 500 सदस्यों और बड़ी संख्या में माकपा कार्यकर्ताओं ने यहां रविवार को प्रदर्शन किए. चेपौक में महिलाओं समेत इस्लामिक संगठनों के कई सदस्यों ने पोस्टर हाथों में लिए प्रदर्शन किए और थाउजेंड लाइट्स इलाके में माकपा कार्यकर्ताओं ने पर्चे बांटे.

वल्लुवर कोट्टम इलाके में हिंदू मक्कल काची के कार्यकर्ताओं ने अपने नेता अर्जुन संपत के नेतृत्व में प्रदर्शन किए. पुलिस ने बताया कि मदुरै में अनुमति के बिना सीएए के खिलाफ शनिवार को प्रदर्शन करने को लेकर ‘कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया’ और एक इस्लामिक संगठन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘हमने कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया और एक अन्य मुस्लिम संगठन समेत करीब 2000 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए.’’

संशोधित नागरिक कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के 19 दिसम्बर को हिंसक हो जाने के बाद मंगलुरु में लगाए कर्फ्यू में रविवार को 12 घंटे की ढील दी गई. शहर में अभी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. प्रदर्शनों के दौरान बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में दो लोगों के मारे जाने के बाद कर्फ्यू लगाया गया था. पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है, ताकि लोग जरूरत का सामान खरीद सकें.

कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को मंगलुरु में नये नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में मारे गए दो लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. मुंबई के धारावी में हजारों लोगों ने संशोधित सीएए और 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया. मध्य प्रदेश के इंदौर में सीएए के समर्थन में आयोजित "आभार सम्मेलन" में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, अभी देश के केवल 10 से 20 प्रतिशत लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं.

कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि कांग्रेस के नेताओं को इस बारे में विचार कर लेना चाहिये कि जिस दिन बाकी 80 प्रतिशत लोगों ने तय कर लिया कि यह कानून सही है और वे इसके समर्थन में सड़कों पर उतरेंगे, तब कांग्रेस नेताओं का क्या अंजाम होगा?" पुणे शहर और निकटवर्ती पिंपरी-चिंचवाड़ में रविवार की शाम सीएए के समर्थन और विरोध में दो अलग-अलग रैलियां निकाली गई. दोनों रैलियां शांतिपूर्ण रहीं.