Advertisment

नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी की नागरिकता नहीं छीनता है - रविशंकर

उन्होंने दावा किया कि यह झूठ, फरेब और वोट बैंक के लिए काम करने की कोशिश की गयी है, और बिल्कुल ही झूठ फैलाया जा रहा है .

author-image
Ravindra Singh
New Update
नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी की नागरिकता नहीं छीनता है - रविशंकर

रविशंकर प्रसाद( Photo Credit : न्‍यूज स्‍टेट)

Advertisment

देश में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जारी हिंसक प्रदर्शन में अर्बन नक्सल और टुकड़े टुकड़े गैंग का हाथ होने का दावा करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को इस नये कानून और एनआरसी के बारे में फैलाये जा रहे भ्रम को बेबुनियाद करार दिया और कहा कि यह कानून किसी भी भारतीय नागरिक पर लागू नहीं होता और इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. पटना स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए रविशंकर ने कहा, 'संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में जारी हिंसा प्रायोजित है और इसमें अर्बन नक्सलियों के अलावा बडी संख्या में टुकडे टुकडे गैंग के लोग खड़े हैं.'

उन्होंने दावा किया कि यह झूठ, फरेब और वोट बैंक के लिए काम करने की कोशिश की गयी है, और बिल्कुल ही झूठ फैलाया जा रहा है . इसको लेकर हम लोगों के पास गांव गांव में जाएंगे . कानून मंत्री ने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून भारत के किसी भी नागरिक पर लागू नहीं होता . मुस्लिम समुदाय के लोगों पर भी नहीं . हम पूरी इमानदारी के साथ मानते हैं कि यह देश जितना हिंदुओं का है उतना ही मुसलमानों का भी है . इस देश को बनाने में मुसलमानों ने भी सहयोग किया है और सरकार की योजनाएं सभी के लिए है .' जहांतक एनआरसी का सवाल है तो यह स्पष्ट कहा गया है कि अभी इसकी कोई रूपरेखा नहीं बनी है और इसकी रूपरेखा बनने पर उसपर चर्चा भी होगी. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अंतर्गत केवल असम में एनआरसी का प्रकरण चला है . उन्होंने कहा कि जो हुआ ही नहीं उसको लेकर बवाल किया जा रहा है और इसपर अभी चर्चा बेबुनियाद है क्योंकि इसका अभी कोई ढांचा बना ही नहीं है.

यह भी पढ़ें-2020 में आम आदमी का बिगड़ सकता है बजट, ये चीजें हो सकती हैं महंगी

मुंबई के आजाद मैदान की रैली का जिक्र करते हुए रविशंकर ने कहा, 'उसमें नारा लगा था आजादी आजादी . क्या मतलब है इसका . किससे आजादी . हमारी सरकार की सोच बहुत ही साफ है . हम लोकतंत्र का पूरा सम्मान करते हैं . हरेक को अपनी बात कहने, विरोध दर्ज कराने और सवाल पूछने का अधिकार है पर देश को अगर हिंसा से तोडने की कोशिश की जाएगी तो सख्त कार्रवाई होगी.' उन्होंने कहा कि ‘भारत के टुकडे़’ होंगे यह गैंग इसमें काफी सक्रिय है और उनके खिलाफ हम बहुत सख्त कार्रवाई करेंगे. 

यह भी पढ़ें-CAA Protest: UP हिंसा में अब तक 164 मामले दर्ज, 879 लोग गिरफ्तार

उन्होंने कहा 'राजद के बंद के दौरान हुई हिंसा की मैं भर्त्सना करता हूं. विशेषकर पटना के पत्रकारों के साथ जो बदसलूकी हुई और उन्हें पीटा और घायल गया तथा उनके कैमरे तोडे़ गए, यह शर्मनाक है, उसकी मैं जबरदस्त भर्त्सना करता हूं. ये उनके चरित्र को परिलक्षित करता है जो संविधान की दुहाई हमें देते हैं उनका पूरा चरित्र असंवैधानिक है और फासिस्ट हैं' रविशंकर ने कहा कि इस कानून का लक्ष्य — ऐसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, इसाई और पारसी जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंगलादेश में अपनी आस्था के कारण पीडित हैं, उनको नागरिकता देना है . यह न किसी की नागरिकता छीनता है और न ही लेता है . वे भारतीय जो अपनी आस्था के कारण सत्तर साल से पीड़ा और अमानवीय जिंदगी जीते हैं, उनके चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कुराहट लाने की एक कोशिश है.

कानून मंत्री ने 1947 में पंडित नेहरू और लियाकत अली खां के बीच हुए समझौते का जिक्र करते हुए कहा, 'महात्मा गांधी की टिप्पणी है कि पाकिस्तान में हिंदू और सिख अगर प्रताडि़त होते हैं, तो वे हिंदुस्तान आ सकते हैं .' उन्होंने कहा कि कहा कि युगांडा में इदी अमीन के बड़ी तादाद में हिंदुओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जिन्हें इंदिरा गांधी ने भारत की नागरिकता दी. रविशंकर ने 1971 में पाकिस्तान का बंगलादेश के साथ युद्ध के दौरान भी बहुत सारे लोगों को इंदिरा गांधी ने नागरिकता दी और राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्वकाल में बहुत सारे श्रीलंकायी तमिलों को भारत की नागरिकता दी गयी थी . उन्होंने कहा कि 2003 में मनमोहन सिंह ने नागरिकता संशोधन बिल पर बोलते हुए कहा था कि बंगलादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलनी चाहिए . रविशंकर ने मनमोहन सिंह की सरकार के कार्यकाल में नागरिकता कानून तीन दिसंबर 2004 से लागू हुआ. 

Source : Bhasha

ravishankar prasad BJP Union Minister Ravishankar Prasad caa
Advertisment
Advertisment
Advertisment