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तमिलनाडु में गलती से डिस्चार्ज किए गए कोविड-19 मरीज, पुलिस कर रही तलाश

तमिलनाडु (Tamilnadu) पुलिस कोविड -19 (COVID-19) के एक मरीज की तलाश कर रही है, जिसे गलती से विल्लुपुरम जिले के एक अस्पताल ने छुट्टी दे दी गई थी.

Updated on: 09 Apr 2020, 01:34 PM

चेन्नई:

तमिलनाडु (Tamilnadu) पुलिस कोविड -19 (COVID-19) के एक मरीज की तलाश कर रही है, जिसे गलती से विल्लुपुरम जिले के एक अस्पताल ने छुट्टी दे दी गई थी. अस्पताल ने मंगलवार को एक क्लेरिकल गलती के कारण चार कोरोना वायरस (Corona Virus) पॉजिटिव रोगियों को छुट्टी दे दी थी. इस गलती का एहसास होने पर अस्पताल के अधिकारी पुलिस के पास पहुंचे और फिर जिले में रहने वाले एक ही परिवार से जुड़े तीन व्यक्तियों को वहां से तुरंत हटाया गया. बचे हुए जिस एक व्यक्ति का पता लगाया जा रहा है, वह दिल्ली का एक प्रवासी मजदूर है. विल्लुपुरम जिले में अभी 20 कोविड -19 रोगी हैं.

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26 जांच में आए थे 4 पॉजिटिव
विल्लुपुरम पुलिस अधीक्षक एस जयकुमार ने बताया कि शाम को 26 रोगियों के परीक्षण के परिणाम आए थे, जिनमें से चार सकारात्मक थे. बाद में गलती से इन चार रोगियों को नकारात्मक प्रमाण पत्र दिया गया. जयकुमार ने कहा कि पुलिस ने अस्पताल छोड़ने के बाद तीन मरीजों को ट्रैक और सुरक्षित करने में कामयाबी हासिल की. उन्होंने कहा कि चौथा मरीज दिल्ली से नहीं आया है. अधीक्षक ने कहा कि चौथे मरीज को ट्रैक करने के लिए पांच विशेष टीमों का गठन किया गया है. राज्य में 48 नये मामलों में 42 एक ही स्रोत (व्यक्ति) के संपर्क में आए थे और उनमें एक मलेशियाई नागरिक भी है.

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जमात से बढ़ा कोरोना संक्रमण
तमिलनाडु में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 48 नए मामले आने के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 738 तक पहुंच गई. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सामने आए 48 मामलों में 42 वे लोग हैं जो दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होकर आए थे. राज्य की स्वास्थ्य सचिव बीला राजेश ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से मंगलवार को वेल्लोर में 45 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई जो राज्य में इस बीमारी से आठवीं मौत है. उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित एक मरीज के संपर्क में आया था.

  • HIGHLIGHTS
  • गलती से चार रोगियों को कोरोना निगेटिव प्रमाण पत्र दे दिया गया.
  • तीन मरीजों को ट्रैक और सुरक्षित करने में कामयाबी हासिल की गई.
  • चौथे मरीज को ट्रैक करने के लिए पांच विशेष टीमों का गठन.