logo-image

बुराड़ी कांड: जिस घर में 11 लोगों ने की थी खुदकुशी, अब वहां रह रहे हैं 2 मुस्लिम भाई

बुराड़ी कांड में मारे जाने वाले परिवार का इकलौता जिंदा सदस्य दिनेश ने उस घर को अपने पहचान के दो लोगों को दे दिया था. दोनों का नाम अहमदल अली और अफसर अली बताया जा रहा है.

Updated on: 27 Jun 2019, 11:29 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली के बुराड़ी में सामूहिक आत्महत्या कांड को एक साल पूरे होने वाले है. बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों का शव मिलने से पूरे देश में सनसनी मच गई थी. इस पूरी घटना के बाद से ही लोगों ने उस घर को मनहूस करार देते हुए उससे दूरी बना ली थी. लोगों ने कई तरह की अफवाहें फैलाने शुरू कर दी थी, कईयों का कहना है कि इस घर से रात में अजीबो-गरीब आवाजें आती है. लेकिन लोगों की इस अंधिवश्वास की धारणा को दो भाईयों ने तोड़ते हुए रहना शुरू कर दिया है.

और पढ़ें: बुराड़ी कांड: 11 शवों का होगा मनोवैज्ञानिक पोस्टमार्टम, जानें कैसे होगी प्रक्रिया

दरअसल, बुराड़ी कांड में मारे जाने वाले परिवार का इकलौता जिंदा सदस्य दिनेश ने उस घर को अपने पहचान के दो लोगों को दे दिया था. दोनों का नाम अहमदल अली और अफसर अली बताया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमद और अफसर अली दोनों भाई मृतक के परिवार को करीब 8 साल से जानते है. उनका कहना है कि जब वो इस घर में रहने आए थे तो काफी लोगों ने उन्हें बहुत समझाया था. साथ ही उनके परिवार के लोगों ने भी उस घर में रहने के लिए दोनों भाईयों को मना किया था. लेकिन दोनों ने सभी भ्रांतियां को तोड़ते हुए उस घर में रहना शुरु किया.

ये भी पढ़ें: बुराड़ी कांड: 10 शवों की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट आई, इस वजह से उसी घर में रहेंगे ललित के बड़े भाई दिनेश

डरानवनी कहानियों के बीच इस घर में रहने की हिम्मत करने वाले अहमद अली बताते हैं कि अगर कोई उनके फैसले पर सवाल करता है तो वो उनसे पूछते हैं कि क्या उन्होंने अपने परिवार में किसी के मौत के बाद अपने घर में रहना छोड़ दिया था क्या?

वहीं अफसर अली ने कहा कि बरेली में उनके गांव में ङी यह एक व्यापाक धारणा है लेकिन वो अपनी आदत के अनुसार रोज आधी रात को खाने के बाद छत पर जाते हैं. साथ ही दोनों भाईयों ने बताया कि जब उन्होंने बुराड़ी वाले घर में रहने जाने का फैसला किया तो उनके परिवार ने कड़ा विरोध जताया था. वो नहीं चाहते थे कि हम दोनों उस मनहूस घर में रहने जाए. 

उन्होंने ये भी बताया कि आस-पास के लोगो अक्सर उन्हें डरावनी कहानियां बताकर उन्हें डराते रहते है लेकिन वो इन बातों की अनेदखी करते हुए इस घर में आराम से रह रहे है और साथ ही दोस्तों को भी मिलने के लिए बुलाते रहते हैं.

ये भी पढ़ें: बुराड़ी कांड: घर से मिले 27 रजिस्टर, 2009 से 'मोक्ष' की कहानी लिख रहा था ललित!

बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी इलाके में भाटिया परिवार के 11 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. मरने वालों में नारायण देवी (72) के दो बेटे भवनेश भाटिया (50) और ललित भाटिया (45) और दो बेटियां प्रतिभा (57) पिछले महीने सगाई हुई प्रियंका (33) के अलावा भवनेश की पत्नी सविता (48) उनकी तीन संतानें नीतू (25), मोनू (23), ध्रुव (15) ललित की पत्नी टीना और उनका बेटा शिवम (15) शामिल था.