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बुलेट ट्रेन परियोजना पर नहीं छट रहे संकट के बादल, महाराष्ट्र के बाद अब गुजरात के किसानों का विरोध

बुलेट ट्रेन परियोजना की भूमि अधिग्रहण को लेकर महाराष्ट्र में किसानों के विरोध के बाद अब गुजरात में भी किसानों ने विरोध जताया है।

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saketanand gyan
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बुलेट ट्रेन परियोजना पर नहीं छट रहे संकट के बादल, महाराष्ट्र के बाद अब गुजरात के किसानों का विरोध

बुलेट ट्रेन (फोटो: IANS)

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केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर लगातार संकट मंडराता जा रहा है। भूमि अधिग्रहण को लेकर महाराष्ट्र में किसानों के विरोध के बाद अब गुजरात में भी किसानों ने विरोध जताया है।

गुजरात में कई जगहों पर किसानों ने बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए की जमीन मापी के सर्वे को नहीं होने दिया।

किसान नेताओं की मांग है कि जमीन अधिग्रहण केंद्रीय कानून के तहत होना चाहिए न कि राज्य के कानून के तहत हो। वलसाड जिले के वाघलधारा इलाके से सर्वे टीम को दो बार लौटना पड़ चुका है।

सारोन गांव के एक किसान बाघुभाई पटेल ने कहा कि पहले से ग्रामीणों को सर्वे के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी।

उन्होंने कहा, 'किसानों के विरोध के बाद एक सर्वे टीम आज (मंगलवार) को लौट गई। किसानों ने कहा कि इसके बारे में उन्हें पहले से जानकारी नहीं दी गई थी। इससे पहले भी करीब 150 प्रभावित किसानों ने विरोध दर्ज कराकर सर्वे नहीं होने दिया था।'

पटेल ने कहा, 'जिस जमीन का अधिग्रहण होना है वह उपजाऊ और सिंचित है जो निर्यात करने वाले फलों के लिए जाना जाता है। सरकार को इस प्रोजेक्ट के लिए ऐसी जमीन का अधिग्रहण नहीं करना चाहिए।'

किसान ने कहा कि जमीन के सर्वे के बारे में काफी देर से हमें जानकारी दी गई। जमीन अधिग्रहण कानून के हिसाब से 60 दिनों के बजाय हमें सिर्फ एक या दो दिन पहले बताया गया जिसमें हमारे पास जवाब देने के लिए समय नहीं बचा।

बता दें कि गुजरात के आठ जिलों में बुलेट ट्रेन परियोजना विरोध हो रहा है जहां से ट्रेन गुजरनी है।

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इससे पहले पिछले महीने ही महाराष्ट्र में भी बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे पर पहुंचे अधिकारियों को जबरन रोक दिया था।

ठाणे जिले के शीलफाटा इलाके में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) कार्यकर्ताओं ने राज्य के लोक निर्माण विभाग द्वारा जमीन मापी की प्रक्रिया को रोका था। करीब 40 किलोमीटर का रूट ठाणे से गुजरने वाला है जिसके लिए किसानों से जमीन लिए जाने की तैयारी है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की बुलेट ट्रेन परियोजना लागू कर रही हैं जिसमें करीब 1,08,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस खर्च का 81 फीसदी जापान सरकार कर्ज के रूप में मदद कर रही है।

इस परियोजना को 2022-23 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।

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HIGHLIGHTS

  • गुजरात में कई जगहों पर किसानों ने जमीन मापी के सर्वे को नहीं होने दिया
  • मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की है बुलेट ट्रेन परियोजना
  • किसान नेताओं की मांग है कि जमीन अधिग्रहण केंद्रीय कानून के तहत हो

Source : News Nation Bureau

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