कोझीकोड में नेल्लीकोड बाईपास के पास जमीन में 266 जीवित गोलियों की बरामदगी की जांच कर रही केरल पुलिस ने कुछ सुराग हाथ लगने के बाद पड़ोसी राज्य कर्नाटक में जाने का फैसला किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बरामद गोलियों का उपयोग .22 राइफलों में किया जाता है, जो आमतौर पर राइफल क्लबों के पास होती हैं और पुलिस उनका उपयोग मुख्य रूप से ट्रेनिंग उद्देश्यों के लिए करती है।
जिंदा गोलियों की वैज्ञानिक जांच से पता चला कि इन गोलियों का निर्माण भारत में तीन कंपनियों ने किया था और एक विदेशी मूल की थी।
कुछ गोलियां 15 साल पुरानी थीं, जबकि कुछ पांच साल के आसपास की थीं।
सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम ने इनमें से कुछ गोलियों के निर्माताओं की पहचान कर ली है और जल्द ही उनके ग्राहकों की सूची हासिल करने के लिए उनसे संपर्क किया जाएगा।
पुलिस बरामदगी वाले इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर और सुराग हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है।
जांच दल इन दोनों राज्यों के राइफल क्लबों पर भी अपनी जांच केंद्रित कर रहा है।
पिछले हफ्ते पेशेवरों की एक टीम, जो गैर-आबादी वाली भूमि के पास जमीन के एक टुकड़े को माप रही थी, उन्हें वहां कुछ बुलेट जैसे आर्टिकल्स मिले थे।
शुरू में, उन्होंने सोचा कि यह धातु के आभूषण बनाने में इस्तेमाल होने वाले मोती हो सकते हैं, लेकिन वहां मौजूद एक मोटर ट्रांसपोर्ट अधिकारी ने उन्हें गोलियों के रूप में पहचान लिया।
इसके बाद स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी गई। मंगलवार को जब बम निरोधक दस्ते द्वारा विस्तृत निरीक्षण किया गया तो उन्हें एक पैकेट मिला और उसे खोलने पर करीब 255 गोलियां मिलीं।
पुलिस जांच दल की प्रारंभिक खोज से संकेत मिलता है कि हो सकता है कि गोलियां किसी ने छोड़ी हों।
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Source : IANS