आज से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में सरकार तीन तलाक विधेयक को पारित कराने की पूरी कोशिश करेगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ इस सत्र की शुरुआत होगी। कोविंद के अभिभाषण के बाद दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाएगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को बीजेपी नीत राजग सरकार का इस कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे। बजट सत्र का पहला चरण 9 फरवरी को पूरा हो जाएगा।
बजट का दूसरा चरण 5 मार्च से छह अप्रैल के बीच होगा। इस बार के बजट में मजबूत रानीतिक संदेश हो सकता है, क्योंकि 2019 में लोकसभा चुनाव होने वाला है। इस बजट में किसानों और गरीबों पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जा सकता है।
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तीन तलाक संबंधी कानून के अलावा सरकार ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले विधेयक को पारित कराने की कोशिश करेगी। हालांकि इसे पारित कराने में विपक्ष के कई विरोधों का सामना करना पड़ सकता है। ये दोनों विधेयक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।
बजट से जुड़ी प्राथमिकताओं के अलावा सरकार कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने पर जोर दे सकती है। बजट सत्र की पूर्व संध्या पर हुए सर्वदलीय बैठक के बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, 'कल से बजट सत्र शुरु हो रहा है और उम्मीद है कि सत्र सुचारू रूप से चलेगा।'
दूसरी तरफ बजट सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक में शामिल हुई डीएमके सासंद कनिमोझी ने कहा, इस सत्र में भी हमारी मांग जारी रहेगी कि ट्रिपल तलाक बिल को सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए।
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया था। सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे लिए बजट सत्र बेहद महत्वपूर्ण है और सरकार विपक्षी दलों के सुझाव को काफी गंभीरता से ले रही है।'
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Source : News Nation Bureau