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Budget 2020 Defence: देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाए रखने पर होगा जोर

हालांकि अगर बजटीय सीमा की बात करें तो चीन के आगे अभी भी हम कहीं नहीं ठहरते हैं. अमेरिका की तो बात ही कुछ और है.

Updated on: 01 Feb 2020, 10:11 AM

highlights

  • रक्षा के मामले में भी चीन और अमेरिका भारत के मुकाबले बहुत आगे हैं.
  • 2019-20 में रक्षा क्षेत्र के लिये 3.18 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे.
  • 2019-20 के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47 प्रतिशत था रक्षा बजट.

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी. इसमें कमजोर चल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद की उम्मीद की जा रही है. साथ ही यह भी उम्मीद है कि पाकिस्तान और चीन के तीखे तेवरों के मद्देनजर इस बार रक्षा बजट के मद में भी वृद्धि की जा सकती है. मेड इन इंडिया के माहौल के बीच पहली प्राथमिकता देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाए रखना है. हालांकि अगर बजटीय सीमा की बात करें तो चीन के आगे अभी भी हम कहीं नहीं ठहरते हैं. अमेरिका की तो बात ही कुछ और है. गौरतलब है कि पिछले केंद्रीय बजट 2019-20 में रक्षा क्षेत्र के लिए 3.18 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे.

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चीन और अमेरिका कहीं है आगे
रक्षा के मामले में भी चीन और अमेरिका भारत के मुकाबले बहुत आगे हैं. वर्ष 2018-19 में हमारा रक्षा बजट 4,31,011 करोड़ रुपये था. इसमें 3,05,296 करोड़ रुपये तीनों सेनाओं के लिए थे. वहीं, अमेरिका का रक्षा बजट 2019-20 में 51.21 लाख करोड़ रुपये का था. भारत के मुकाबले अमेरिका रक्षा पर 17 गुना और चीन 4 गुना खर्च करता है. पाकिस्तान ने 2019-20 के बजट में रक्षा के लिए भारतीय मुद्रा के हिसाब से 53,164 करोड़ और बांग्लादेश ने 27,340 करोड़ रुपए रखे थे.

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पिछले बजट में य़ह थी व्यवस्था
केंद्रीय बजट 2019-20 में रक्षा क्षेत्र के लिये 3.18 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे, 2018-19 के बजट में यह राशि 2.98 लाख रुपये थी. रक्षा बजट के लिए आवंटित कुल राशि में से 1,08,248 करोड़ रुपये नए हथियारों, प्लेटफार्मों और सैन्य हार्डवेयर की खरीद के वास्ते पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए थे. हालांकि वेतन के भुगतान और प्रतिष्ठानों के रख-रखाव पर खर्च समेत राजस्व व्यय को 2,10,682 करोड़ रुपये आंका गया था. 2018-19 के बजट में यह 1,88,118 करोड़ रुपये था.

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कुल खर्च का 15.47 फीसदी
गौरतलब है कि कुल रक्षा बजट में बीते साल भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया और यह एक फरवरी को पेश किये गए अंतरिम बजट के रक्षा कोटे के समान ही रहा था. पिछले साल के बजट में पेंशन के भुगतान के लिए अलग से निर्धारित 1,12,079 करोड़ रुपये शामिल नहीं थे. अगर पेंशन के आवंटन को जोड़ दिया जाता तो रक्षा बजट 4.31 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाता, जो वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47 प्रतिशत था.