वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाकर पांच लाख रुपये, उप-राष्ट्रपति का चार लाख रुपये और राज्यों के राज्यपालों का वेतन बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जाएगा।
वहीं सांसदों के वेतन को बढ़ाने के लिए नया नियम लाया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हर 5 साल में सांसदों के वेतन की समीक्षा होगी और महंगाई के आधार पर वेतन तय किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल, 2018 से यह व्यवस्था शुरू होगी।
जेटली ने कहा, 'सांसदों को मिलने वाली आय-भत्तों को लेकर सार्वजनिक स्तर पर काफी बहस हो रही है। वर्तमान प्रणाली सांसदों को अपनी परिलब्धियां तय करने की अनुमति देती है जिसकी आलोचना हो रही है। इस कारण मैं संसद सदस्यों के वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और देय अन्य खर्च के लिए कुछ जरूरी बदलाव प्रस्तावित कर रहा हूं जो एक अप्रैल, 2018 से प्रभावी होगा।'
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लोकसभा के कुछ सांसदों ने संसद के शीतकालीन सत्र में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जस्टिस के वेतन में बढ़ोत्तरी के विधेयक पर बहस के दौरान अपने वेतन में वृद्धि की मांग की थी।
वर्तमान प्रणाली में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों वाली एक संसदीय समिति सांसदों के वेतन और भत्ते के मामले में सिफारिशें करती है और सरकार उस पर उचित फैसला कर संशोधन विधेयक लाती है। इन संशोधित प्रस्तावों को संसद में आम तौर से आम सहमति से मंजूरी मिल जाती है।
जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले का सभी सांसदों को स्वागत करना चाहिए।
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Source : News Nation Bureau