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बजट 2017: पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम की सलाह 'प्रत्यक्ष नहीं, अप्रत्यक्ष कर घटाएं'

पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कहा है कि नोटबंदी के बाद आम लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए सरकार को बजट में अप्रत्यक्ष कर की दरों में कमी करनी चाहिए।

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Shivani Bansal
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बजट 2017: पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम की सलाह 'प्रत्यक्ष नहीं, अप्रत्यक्ष कर घटाएं'

पी चिंदबरम, पूर्व वित्त मंत्री (फाइल फोटो)

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के मुताबिक बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली को नोटबंदी के असर को कम करने के लिए अप्रत्यक्ष कर की दरों में कमी करनी चाहिए। 

चिदंबरम ने कहा, 'कर कटौती के लिए अप्रत्यक्ष कर सही है। आप सेवाकर, उत्पाद कर और सीमा शुल्क में कटौती कर सकते हैं। अप्रत्यक्ष करों में कोई भी कटौती का लाभ लाखों लोगों को मिलेगा।'

पूर्व वित्त मंत्री मुताबिक, 'एक प्रत्यक्ष कर में कटौती का लाभ बहुत कम लोगों अंदाजन 25-50 लाख लोगों को ही मिलेगा जबकि अप्रत्यक्ष कर में कटौती का लाभ देश के करोड़ों लोगों को मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा।'

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उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने देश की आर्थिक विकास दर को कम से कम एक प्रतिशत प्रभावित किया है और साथ ही आम लोगों को तकलीफों में डाला है ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए कदम उठाएं और इसमें अप्रत्यक्ष दरों में कटौती सही विकल्प है।

उन्होंने सुझाव दिया कि वर्तमान सरकार को राजकोषीय घाटा 3% के नीचे रहना चाहिए। चिदंबरम ने कहा, 'चालू खाता का घाटा 1 से 1.5% के बीच और सीपीआई मुद्रा स्फीति (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रा स्फीति) 5% के नीचे रहना चाहिए। राजकोषीय स्थिरता बहुत आवश्यक है।'

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Source : IANS

chidambaram Arun Jaitley Budget 2017 demonetisation
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