अखिलेश को मायावती का संदेश, कहा - अब उप-चुनावों में किसी दल को नहीं मिलेगा BSP का समर्थन

गोरखपुर व फूलपुर उप-चुनावों में समाजवादी पार्टी (एसपी) की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है कि भविष्य में उनकी पार्टी किसी भी उप-चुनाव में समर्थन नहीं देगी।

गोरखपुर व फूलपुर उप-चुनावों में समाजवादी पार्टी (एसपी) की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है कि भविष्य में उनकी पार्टी किसी भी उप-चुनाव में समर्थन नहीं देगी।

author-image
Abhishek Parashar
एडिट
New Update
अखिलेश को मायावती का संदेश, कहा - अब उप-चुनावों में किसी दल को नहीं मिलेगा BSP का समर्थन

बीएसी सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)

गोरखपुर व फूलपुर उप-चुनावों में समाजवादी पार्टी (एसपी) की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है कि भविष्य में उनकी पार्टी किसी भी उप-चुनाव में समर्थन नहीं देगी।

Advertisment

मायावती ने कहा कि भविष्य में होने वाले किसी भी उप-चुनाव में बीएसपी इस तरह की 'सक्रिय भूमिका' नहीं निभाएगी।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों व विधायकों के साथ सोमवार को एक बैठक में कहा कि वह कैराना संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उप-चुनाव में गोरखपुर की तरह का 'चुनावी तालमेल' बनाने की इच्छुक नहीं हैं।

गोरखपुर और फुलपूर लोकसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में बीएसपी ने सपा के उम्मीदवार को समर्थन देते हुए अपने उम्मीदवार नहीं खड़े किए थे। इस समर्थन की वजह से बीजेपी को दोनों सीटें गंवानी पड़ी।

हालांकि, उन्होंने बीएसपी-एसपी के 2019 के आम चुनावों में गठबंधन के पर्याप्त संकेत दिए।

कैराना सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई है।

बीएसपी के नूरपुर विधानसभा सीट उप-चुनाव में भी किसी दल को समर्थन देने की संभावना नहीं है। नूरपुर विधानसभा सीट बीजेपी विधायक की सड़क दुर्घटना में निधन से खाली हुई है।

मायावती ने अपने समर्थकों से कहा कि वे पार्टी मशीनरी को फिर से मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करें, जिसे नसीमुद्दीन सिद्दीकी व स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से नुकसान पहुंचा है।

बीएसपी छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या भाजपा में शामिल हुए और राज्य की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने, जबकि बसपा का कभी अल्पसंख्यक चेहरा रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

पार्टी के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि बीएसपी सुप्रीमो कभी कट्टर प्रतिद्वंदी रहे समाजवादी पार्टी के साथ 'व्यावहारिक गठबंधन' तो चाहती हैं, लेकिन यह नहीं चाहतीं कि ऐसा संदेश जाए कि वह एसपी को बहुत ज्यादा तरजीह दे रहीं हैं।

और पढ़ें: दिल्ली में ममता ने जमाया डेरा, क्या पड़ेगी फेडरल फ्रंट की नींव!

HIGHLIGHTS

  • समाजवादी पार्टी को बीएसपी सुप्रीमो मायावती को संदेश
  • किसी भी उप-चुनाव में नहीं मिलेगा अब पार्टी का समर्थन

Source : IANS

Akhilesh Yadav BSP Supremo Mayawati bsp sp By Polls Support Upcoming Bypolls in UP
      
Advertisment