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Lok Sabha Elections 2024 को लेकर BSP का बड़ा प्लान, मायावती ने खोले पत्ते

Lok Sabha Elections 2024: इस साल पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव और अगले साले होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा ऐलान किया है...उन्होंने बताया कि...

Updated on: 30 Aug 2023, 11:24 AM

New Delhi:

Lok Sabha Elections 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिछ रही सियासी बिसात के बीच बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो ने बड़ा ऐलान किया है. मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी "NDA व INDIA किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी और लोकसभा चुनाव व 4 राज्यों में विधासभा चुनाव अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी. बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा, "NDA व INDIA गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता." इस दौरान मायावती ने देशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं भी दीं. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि देश व दुनिया में रहने वाले सभी भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार वालों को रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक बधाई तथा उनके खुशहाल जीवन की शुभकामनायें.

बसपा प्रमुख ने इस दौरान चार बिंदुओं के माध्यम से अपनी बात रखी-

  1.  बसपा प्रमुख ने कहा कि एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़.
  2.  बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनकेे गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियाँ न फैलाए।
  3.  वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहाँ सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी।
  4.  इसके अलावा, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि  उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?