logo-image

गठबंधन में नहीं मिली पर्याप्त सीटें तो BSP अकेले लड़ेगी चुनाव- मायावती

मायावती ने 'एंटी-बीजेपी फ्रंट' बनने से पहले शनिवार को साफ कर दिया कि अगर 'महागठबंधन' में पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं तो समझौता करने की बजाय चुनावी मैदान में अकेला उतरना पसंद करेंगी।

Updated on: 27 May 2018, 05:41 PM

नई दिल्ली:

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने 'एंटी-बीजेपी फ्रंट' बनने से पहले शनिवार को साफ कर दिया कि अगर 'महागठबंधन' में पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं तो समझौता करने की बजाय चुनावी मैदान में अकेला उतरना पसंद करेंगी।

बीएसपी की राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, 'हालांकि, यूपी की पार्टियों से गठबंधन के लिए बातचीत जारी है लेकिन कार्यकर्ता हर स्थिति के लिए तैयार रहें। अगर गठबंधन में उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं तो हमें चुनाव में अकेले ही उतरना पड़ेगा।'

अब तक कट्टर प्रतिद्वंदी रहे समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय हित में बीजेपी को हटाने का समय आ गया है।'

चुनाव से पहले पार्टी और संगठन को मजबूत करने को लेकर मायावती ने कहा कि अभी वह अध्यक्ष पद पर बनीं रहेंगीं।

और पढ़ें- NIA ने लश्कर के 10 आतंकियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट

उन्होंने कहा, 'बतौर अध्यक्ष अगर उन्हें आगे बढ़ती उम्र के कारण ज्यादा भाग-दौड़ करने में दिक्कत हुई तो वह राष्ट्रीय संयोजक की भूमिका निभाएंगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति करेंगीं।'

बीएसपी सुप्रीमो ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कुछ स्वार्थी और अवसरवादी नेता पार्टी में अपने परिवार के सदस्यों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे थे।

मायावती ने आर एस कुशवाह को नया यूपी बीएसपी का अध्यक्ष बनाया है। कुशवाह ने राम अचल राजभर की जगह ली है। राम अचल राजभर को नेशनल जनरल सेक्रेटरी का पद दिया गया है। कुशवाह साल 2002 में बीएसपी के साथ रहकर रायबरेली से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं।

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा था कि 2019 में उत्तर प्रदेश में बीएसपी और एसपी के बीच गठबंधन बीजेपी के लिए चुनौती साबित होगा। इसके साथ ही शाह ने कहा था कि अगले चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस पार्टी को या तो अमेठी में या रायबरेली में हराएगी।

और पढ़ेंः अमित शाह ने माना, 2019 में SP-BSP गठबंधन बीजेपी के लिए होगी चुनौती