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Drones के खिलाफ BSF ने बनाई सफल रणनीति, इस साल ढेर किये 16 ड्रोन

BSF shoots down record 16 drones in 2022: इस साल बीएसएफ ने अब तक 16 ड्रोन मार गिराए हैं. अधिकतर ड्रोन सीमा पार से पंजाब में घुसपैठ तो कर गए, लेकिन वापस नहीं जा पाए. ऐसा बीएसएफ के खास ऑपरेशन और बढ़ी निगरानी की वजह से संभव हुआ है....

Updated on: 30 Nov 2022, 10:17 PM

highlights

  • इस साल बीएसएफ ने मार गिराए 16 ड्रोन
  • साल 2021 में सिर्फ एक ड्रोन मारा गया था
  • बीएसएफ के डीजी ने बताई सफलता की वजह

 

 

नई दिल्ली:

BSF shoots down record 16 drones in 2022: इस साल बीएसएफ ने अब तक 16 ड्रोन मार गिराए हैं. अधिकतर ड्रोन सीमा पार से पंजाब में घुसपैठ तो कर गए, लेकिन वापस नहीं जा पाए. ऐसा बीएसएफ के खास ऑपरेशन और बढ़ी निगरानी की वजह से संभव हुआ है. बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह ने कहा कि हम ड्रोन के खिलाफ काफी सफल हुए हैं, हालांकि पूरी तरह से सफल हो गए हैं, ऐसी बात भी नहीं है. क्योंकि घुसपैठ की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने ड्रोन्स के खिलाफ कुछ खास रणनीतियां बनाई हैं, जिनके पूरी तरह से पालन की वजह से ड्रोन्स को मार गिराने में हम सफल हुए हैं. इसमें एंटी-ड्रोन सिस्टम (Anti-Drone System) की तैनाती और चौकस पेट्रोलिंग का हिस्सा काफी अहम है.

एंटी-ड्रोन सिस्टम दिया रहा सफलता

बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह का कहना है कि हमने भारत-पाकिस्तान सीमा के अलावा भी कुछ खास इलाकों में एंट्रो-ड्रोन सिस्टम की तैनाती की है. बॉर्डर का इलाका काफी बड़ा है, ऐसे में हर तरफ एंटी-ड्रोन सिस्टम लगा नहीं सकते है. इसी लिए हमने पेट्रोलिंग काफी बढ़ा दी है. हम कोशिश कर रहे हैं कि पूरे बॉर्डर इलाके को एंटी-ड्रोन सिस्टम से लैस कर दें. और हम उसी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे है. उन्होंने कहा कि हम 3-4 किमी के रेडियस में पेट्रोलिंग बढ़ा चुके हैं. ऐसे में किसी ड्रोन से गिराया गया सामान लेने कोई पहुंचता भी है, तो हम उसे भी रंगे हाथों पकड़ने में सफल हो रहे हैं. 

ड्रग्स-हथियारों के मामले ज्यादा

आगे बोलते हुए पंकज सिंह ने कहा कि हमें साल 2021 में सिर्फ एक ड्रोन गिराने में सफलता मिली थी. लेकिन इस साल नवंबर तक हम 16 ड्रोन गिरा चुके हैं. जिस तरह से घुसपैठ की घटनाएं बढ़ रही हैं, हम इस साल के आखिर तक करीब 25 ड्रोन गिरा देंगे. उन्होंने बताया कि अधिकतर ड्रोन स्थानीय बाजारों से खरीदे गए लगते हैं, क्योंकि उनकी कोई बढ़िया क्वॉलिटी नहीं होती. अधिकतर मामलों में ड्रग्स या हथियार ही ऐसे ड्रोन के जरिए भेजे जाते हैं.