सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने खर्चीले जीवनशैली और महंगे क्लबों की सदस्यता वाले अधिकारियों को 'संदिग्ध' के तौर पहचान कर रहा है। बीएसएफ ने इन अधिकारियों की पहचान के लिए नई निगरानी अभियान चलाया है।
बीएसएफ इन अधिकारियों को जांच के घेरे में लाएगा। वहीं अधिकारियों के एक ग्रुप ने बीएसएफ के इस अभियान को बेतुका बताया है।
भारत के साथ लगे पाकिस्तान और बांग्लादेश के बॉर्डर पर तैनात संदिग्ध अधिकारियों की निगरानी के लिए बीएसएफ लगातार अभियान चलाता है लेकिन इस बार इसमें कुछ नए मापदंड जोड़े गए हैं।
सूत्रों ने कहा कि बीएसएफ एक वरिष्ठ कमांडिंग अधिकारी की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद इस तरह के कदम उठाए गए हैं। अधिकारी को पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआई ने उस अधिकारी को 45 लाख रुपये कैश के साथ गिरफ्तार किया था।
बीएसएफ के अधिकारी ने कहा, 'किसी भी अधिकारी को खर्चीले जीवनशैली और महंगे क्लबों की सदस्यता पाए जाने पर उसे संदिग्धों का सूची में रखी जाएगी। साथ ही कोई भी अधिकारी जो लोगों से घरों या होटलों में मिलकर डील करते हैं उनकी भी संदिग्ध के तौर पहचान की जाएगी।'
उन्होंने कहा, 'यह गलत लोगों की पहचान के लिए किया जाने वाला एक नियमित अभियान है या फोर्स में ऐसे लोगों को 'ब्लैक शिप' भी बोलते हैं। कुछ संदिग्धों को हाल ही में इसमें जोड़ा गया है।'
बीएसएफ की तरफ से की जा रही इस निगरानी से कई अधिकारी आहत भी हैं और इस अभियान को गलत बता रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau