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BSF का पाकिस्तानी ड्रोन पर प्रहार, उपयोग कर रहा हैं सस्ता लोकल ड्रोन

पाकिस्तान की आसमानी साजिश यानी ड्रोन से नशीले पदार्थ और हथियार भेजने की कोशिशों पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कड़ा प्रहार कर रही है. यही वजह है कि अब पाकिस्तान और उसके तस्करों ने अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए चीन के बने नए ड्रोन की बजाय पाकिस्तान में ही असेंबल किए हुए और पुराने ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें तो सुरक्षा बलों की लगातार कार्यवाही से हो रहे आर्थिक नुकसान को कम करने और चीन के महंगे पड़ रहे ड्रोन के चलते ऐसा किया जा रहा है.

Updated on: 04 Dec 2022, 12:23 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान की आसमानी साजिश यानी ड्रोन से नशीले पदार्थ और हथियार भेजने की कोशिशों पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कड़ा प्रहार कर रही है. यही वजह है कि अब पाकिस्तान और उसके तस्करों ने अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए चीन के बने नए ड्रोन की बजाय पाकिस्तान में ही असेंबल किए हुए और पुराने ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें तो सुरक्षा बलों की लगातार कार्यवाही से हो रहे आर्थिक नुकसान को कम करने और चीन के महंगे पड़ रहे ड्रोन के चलते ऐसा किया जा रहा है.

पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में जितने भी ड्रोन आते हैं, उनमें से ज्यादातर चीन निर्मित होते हैं. इनमें हेक्साकॉप्टर और क्वाडकॉप्टर ड्रोन देखे जाते हैं. बीएसएफ ने हाल के दिनों में इन्हें मार गिराने में बड़ी सफलता हासिल की है. सुरक्षा बलों से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पिछले दिनों पंजाब में एक पाकिस्तानी ड्रोन को जवानों ने मार गिराया था.

इसकी प्राथमिक जांच में पता चला कि ये ड्रोन करीब 18 किलो भारी है और इसे अलग अलग पुजरें (ज्यादातर चीनी) को जोड़कर पाकिस्तान में ही असेंबल किया गया है. ड्रोन में लगे उपकरण भी अलग अलग कंपनी के हैं. फिलहाल ज्यादा जानकारी इकट्ठा करने के लिए ड्रोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा चीन निर्मित ड्रोन को मार गिराकर इन दिनों पाकिस्तानी तस्करों को भारी मात्रा में आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इसके लिए बीएसएफ ने सीमा पर एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाए हैं. अनुमान के मुताबिक एक बड़े हेक्साकॉप्टर ड्रोन की कीमत पाकिस्तान में करीब 14 से 16 लाख तक होती है. वहीं ये ज्यादा बजन उठाने की छमता भी नहीं रखते. इसके अलावा इन ड्रोन के जरिए भेजे जाने वाले ड्रग्स और हथियारों को भी बड़ी तादाद में जप्त कर बीएसएफ तस्करों की कमर तोड़ने का काम कर रही है. इससे उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही वजह है कि पाकिस्तानी तस्करों ने अब नए ड्रोन की बजाय पुराने और पाकिस्तान में ही असेंबल किए हुए ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू किया है, ताकि आर्थिक नुकसान को कम किया जा सके. ये ड्रोन ज्यादा सामान ले जाने में भी सक्षम होते हैं.

इस साल 17 ड्रोन मार गिराए गए, करोड़ों के ड्रग्स जप्त

बीएसएफ के मुताबिक जवानों को पंजाब और जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराने में बड़ी सफलता हासिल हो रही है. पिछले साल जहां सिर्फ एक ड्रोन मार गिराया गया था, वहीं इस साल अब तक बीएसएफ ने 17 पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराने में सफलता पाई है. वहीं आंकड़ों के मुताबिक बीएसएफ ने इस साल 31 अक्टूबर तक 26,469.943 किलो ड्रग्स पकड़ा है. इसमें वेस्टर्न फ्रंट से 518.272 किलो और ईस्टर्न फ्रंट से 25,951.671 किलोग्राम शामिल है.

यही नहीं पिछले एक महीने की बात की जाए तो अकेले पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने लगभग 45 किलो हेरोइन और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए है. हेरोइन की कीमत करीब 300 करोड़ के आसपास आंकी गई है. बीएसएफ के डीजी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से आजकल बड़े और भारी बजन के ड्रोन इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इन्हें मार गिराने में भी आसानी होती है.

2022 में ड्रोन घुसपैठ के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी

आंकड़े बताते हैं कि पिछले सालों के मुकाबले इस साल 2022 में पाकिस्तान द्वारा ड्रोन घुसपैठ के मामले दोगुना से भी ज्यादा बढ़े हैं. जानकारी के मुताबिक साल 2020 में 79 मामले, तो साल 2021 में 109 ड्रोन घुसपैठ के मामले देखे गए थे, जो 2022 में बढ़कर 266 से ज्यादा हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक ड्रोन घुसपैठ के सबसे अधिक 215 से ज्यादा मामले पंजाब सीमा में सामने आए हैं. वहीं जम्मू में करीब 22 मामले अब तक देखे गए हैं.

ड्रोन में लगी चिप करेगी पाकिस्तान का पर्दाफाश

बीएसएफ के डीजी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अब बेहतर तकनीक के जरिए ड्रोन के बारे में सभी जानकारी जुटाई जा रही है. ड्रोन कहां से आता है, कब और कहां पर उतरना होता है, ये सारी सूचनाएं बीएसएफ की जांबाज तकनीकी टीम अब अपने सिस्टम से ही पता लगा लेती है. उन्होंने बताया कि ड्रोन में लगी चिप से कई राज खुल जाते हैं. इसी चिप से मिली जानकारी की मदद से पंजाब में नशे की तस्करी में शामिल आठ लोग पकड़े गए थे. इनमें से छह तो ऐसे थे, जो पहले भी एनडीपीएस एक्ट में दोषी साबित किए गए थे. बीएसएफ द्वारा बहुत ही कम कीमत और स्वदेशी तकनीक पर तैयार उपकरणों की मदद से बॉर्डर सर्विलांस का काम किया जा रहा है.

एंटी ड्रोन सिस्टम और 5500 कैमरों से सीमा की निगरानी

ड्रोन घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर बीएसएफ ने एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए हैं. इससे ड्रोन को जाम करने और गिराने में मदद मिलेगी. वहीं जानकारी के अनुसार इस साल सीमाओं को और मजबूत करने के लिए बीएसएफ द्वारा 30 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. यही नहीं सीमा पर घुसपैठ और ड्रोन गतिविधियों पर निगरानी के लिए इस साल 5500 अतिरिक्त कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. बीएसएफ डीजी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि दिन-रात की पेट्रोलिंग को और मजबूत करने के लिए भारतीय ड्रोन का भी बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं तस्करी रोकने में राज्यों की पुलिस की मदद भी ली जा रही है.

ड्रग्स के पैसों का आतंकवाद में इस्तेमाल, युवा हो रहे शिकार

सुरक्षाबलों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और पंजाब में आतंकियों की मदद के लिए पाकिस्तान ड्रोन का इस्तेमाल कर सीमा पार हथियारों की सप्लाई के साथ-साथ ड्रग भी बड़ी मात्रा में सप्लाई कर रहा है. ड्रोन के जरिए गिराए गए ड्रग्स नौजवानों को बेचे जा रहे हैं. फिर इस पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस तरह पाकिस्तान ड्रग्स से ना सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी बर्बाद भी कर रहा है.

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