पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को स्पष्ट संदेश में भाजपा आलाकमान ने संदेश दिया है कि वह अब एकतरफा निर्णय नहीं ले सकते हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने सोमवार को घोषणा की कि वह गणेश चतुर्थी के बाद येदियुरप्पा के राज्य दौरे पर उनके साथ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि दौरे का कार्यक्रम जल्द ही तय किया जाएगा। हम येदियुरप्पा के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में अगले विधानसभा में चुनाव लड़ेंगे। पार्टी टीम भावना के साथ चुनाव लड़ेगी।
नलिनकुमार कतील के बयान ने राज्य के राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है। येदियुरप्पा ने एकतरफा घोषणा की है कि वह पार्टी के आधार को मजबूत करने के लिए राज्यव्यापी दौरा करेंगे। मालदीव से लौटने के बाद उनके परिवार ने उन्हें 1.3 करोड़ रुपये की लग्जरी कार गिफ्ट की है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनका दौरा उन निर्वाचन क्षेत्रों से शुरू होगा जहां भाजपा चुनाव हार गई थी।
हालांकि, येदियुरप्पा के बयान पार्टी नेताओं को पसंद नहीं आए क्योंकि उन्हें लगा कि येदियुरप्पा का दौरा नई सरकार के सुचारू रूप से चलने की प्रक्रिया को प्रभावित करेगा। उन्हें यह भी डर है कि इससे पार्टी उन पर और अधिक निर्भर हो जाएगी।
भाजपा के सूत्रों ने खुलासा किया कि पार्टी उनकी ताकत का उपयोग करना चाहती है, लेकिन वह ऐसी कोई स्थिति नहीं चाहती है जहां वह पार्टी के लिए शर्तों को निर्धारित करें।
वहीं बीजेपी आलाकमान का विश्वास जीतने वाले बोम्मई ने स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों के बाद अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। इस तथ्य के बावजूद कि वे केवल स्थानीय निकाय चुनाव थे, राज्य भाजपा लिंगायत क्षेत्रों में येदियुरप्पा टैग के बिना चुनाव में पहुंची है।
बी.वाई. बोम्मई के सत्ता संभालने के बाद आलाकमान ने येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को ठुकरा दिया था। येदियुरप्पा उम्मीद कर रहे हैं कि उनके बेटे विजयेंद्र को कैबिनेट बर्थ मिलेगी।
नलिनकुमार कतील को येदियुरप्पा के साथ भेजने का पार्टी का निर्णय दिग्गज नेता के लिए एक स्पष्ट सूक्ष्म संदेश है कि उन्हें पार्टी की योजनाओं के अनुसार आगे बढ़ना है।
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Source : IANS