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BS-4 वाहन घोटाला: ED ने 22 करोड़ की संपत्ति जब्त की, अशोक लेलैंड का इनकार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच स्क्रैप ग्राहक के खिलाफ है न कि अशोक लेलैंड के खिलाफ, कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह बयान दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने बीएस-4 वाहन घोटाले से संबंधित धन शोधन निवारण मामले में फर्मों की 22.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है और अशोक लेलैंड की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

Updated on: 30 Nov 2022, 08:25 PM

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच स्क्रैप ग्राहक के खिलाफ है न कि अशोक लेलैंड के खिलाफ, कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह बयान दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने बीएस-4 वाहन घोटाले से संबंधित धन शोधन निवारण मामले में फर्मों की 22.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है और अशोक लेलैंड की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

संपत्तियां दिवाकर रोड लाइन्स और आंध्र प्रदेश के पूर्व टीडीपी विधायक जेसी प्रभाकर रेड्डी की जटाधारा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और एक अन्य फर्म सी गोपाल रेड्डी एंड कंपनी और परिवार के सदस्यों से जुड़ी फर्मों के नाम पर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में आदेश दिया था कि भारत में कोई भी वाहन निर्माता या डीलर 1 अप्रैल 2017 से बीएस-4 उत्सर्जन नियमों का पालन न करने वाले किसी भी वाहन की बिक्री नहीं करेगा. इसी तारीख से ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर भी रोक लगा दी गई थी.

हालांकि, जटाधारा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (जेआईपीएल) और सी. गोपाल रेड्डी एंड कंपनी ने आदेशों का उल्लंघन किया. अशोक लेलैंड लिमिटेड से किफायती दाम पर बीएस-3 वाहन खरीदे और जाली बिलों के जरिये इन्हें धोखे से बीएस-4 वाहन के तौर पर पंजीकृत कराया. एजेंसी ने बताया कि जांच में पाया गया कि कुछ वाहनों को नगालैंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पंजीकृत कराया गया.

अशोक लेलैंड के कार्यकारी अध्यक्ष धीरज जी हिंदुजा को आईएएनएस द्वारा भेजी गई सवालों की सूची के जवाब में कंपनी ने कहा, यह मामला वर्ष 2020-2021 की एक पुरानी जांच से संबंधित है. जांच अशोक लेलैंड के खिलाफ नहीं है, बल्कि एक तीसरे पक्ष के स्क्रैप ग्राहक के खिलाफ है.

कंपनी ने कहा, हमने इस मामले से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आवश्यक सभी दस्तावेज और विवरण प्रस्तुत किए हैं, जो स्पष्ट रूप से स्थापित करते हैं कि हम इस मामले में शामिल नहीं हैं. अशोक लेलैंड सभी उत्सर्जन आवश्यकताओं के अनुरूप है.

ईडी ने कहा- ईडी ने नागालैंड में आरटीओ अधिकारियों से नकली चालान के रूप में साक्ष्य एकत्र किए हैं और अशोक लेलैंड द्वारा कुछ वाहनों के लिए स्क्रैप के रूप में जारी किए गए मूल चालान और अपराध की स्थापना की है. इन वाहनों के स्वामित्व और बिक्री से उत्पन्न अपराध आय को 38.36 करोड़ रुपये के रूप में निर्धारित किया गया है.

जांच और तलाशी के परिणामस्वरूप, 6.31 करोड़ रुपये की चल संपत्ति जिसमें बैंक बैलेंस, नकदी, आभूषण शामिल हैं, साथ ही अभियुक्तों और उनके परिवार के सदस्यों की 15.79 करोड़ रुपये की 68 अचल संपत्ति कुर्क की गई है. पूरे घोटाले में अशोक लेलैंड की भूमिका सहित आगे की जांच चल रही थी.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.