सरोगेट संतान को ब्रिटिश दंपति ने अनाथालय में छोड़ा, सुषमा ने ट्वीट कर उठाया सवाल

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरोगेट बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट के जरिए पूछा कि क्या सेरोगेट बच्चे का भविष्य अनाथालय है। दरअसल सरोगेसी के माध्यम से संतान पाने वाला एक ब्रिटिश दंपति बच्चे के लिये पासपोर्ट का इंतजाम नहीं कर पा रहा है। ऐसे में उन्हें उस बच्चे को भारत के किसी अनाथालय में छोड़ना पड़ सकता है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरोगेट बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट के जरिए पूछा कि क्या सेरोगेट बच्चे का भविष्य अनाथालय है। दरअसल सरोगेसी के माध्यम से संतान पाने वाला एक ब्रिटिश दंपति बच्चे के लिये पासपोर्ट का इंतजाम नहीं कर पा रहा है। ऐसे में उन्हें उस बच्चे को भारत के किसी अनाथालय में छोड़ना पड़ सकता है।

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sankalp thakur
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सरोगेट संतान को ब्रिटिश दंपति ने अनाथालय में छोड़ा,  सुषमा ने ट्वीट कर उठाया सवाल

फाइल फोटो

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरोगेट बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट के जरिए पूछा कि क्या सेरोगेट बच्चे का भविष्य अनाथालय है। दरअसल सरोगेसी के माध्यम से संतान पाने वाला एक ब्रिटिश दंपति बच्चे के लिये पासपोर्ट का इंतजाम नहीं कर पा रहा है। ऐसे में उन्हें उस बच्चे को भारत के किसी अनाथालय में छोड़ना पड़ सकता है।  

मंगलवार की रात में विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने ट्वीट कर पूछा, ’क्या सरोगेट बच्चों का भविष्य अनाथालय होना चाहिए।’

Should orphanage be the destiny of a surrogate Baby ?

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उन्होंने बच्चे को स्वदेश लौटने का पासपोर्ट न मिलने को लेकर खेद जताते हुए ट्वीट किया "क्या ब्रिटिश सरकार बच्चे को पासपोर्ट देगी क्योंकि वहां सेरोगेसी बैन है, उन्होंने इसकी जानकारी भी मांगी।”  


विदेश मंत्री ने हाल ही में पारित कामर्शियल सेरोगेसी  कानून का विरोध करने वाले लोगों पर भी तंज कसा है। 

Will the advocates of commercial surrogacy suggest a solution and help this Baby ? Pl RThttps://twitter.com/SushmaSwaraj/status/775739928739246080

इंग्लैंड के सुरे से दंपति ने चेंज.आर्ग पर याचिका में लिखा है, ‘हम सोच नहीं सकते कि हमें इस नामुमकिन काम के लिए मजबूर होना होगा और अपनी संतान को भारत में छोड़ना पड़ेगा।’ 

स्वराज ने ब्रिटिश अधिकारियों से अपने ट्वीट के जरिए सवाल किया और उन पर भी चोट की जिन्होंने सख्त सरोगेसी कानूनों के लिए सरकार द्वारा किए गए पहल की निंदा की है। लिली का पासपोर्ट एप्लीकेशन 3 जून से ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के पास पड़ा है।


भारत में सरोगेट बेबी को पाने वाले न्यूमैंस अंतिम शख्स थे। गत माह सरकार ने कॉमर्शियल सरोगेसी को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया और कहा कि केवल नजदीकी रिश्तेदार ही सरोगेसी में सहयोग कर सकते हैं। 

क्रिस न्यूमैन ने कहा,’मुझे ऐसा काम करना पड़ रहा है जो कोई पिता नहीं कर सकता है- मैं सुबह 3 बजे से मुंबई में अनाथालय ढूंढ रहा हूं।‘  उधर ब्रिटेन ने कहा है कि तमाम ज़रूरी जांच करने के बाद बच्चे के लिए पासपोर्ट जारी कर दिया जाएगा। 

न्यूमैन ने अपनी याचिका में कहा है, ’विदेश व कॉमनवेल्थ ऑफिस हमें अब तक दो बार कह चुका है कि लिली को छोड़ने के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए। यह पागलपन है कि ब्रिटेन सरकार बच्चे की तस्करी संबंधित मामले की पुष्टि के लिए उसे भारत में अजनबियों के बीच छोड़ने के लिये कह रही है, वह भी बिना माता-पिता के।’


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