ब्रिटिश-भारतीय डॉक्टर ने अपनी आत्महत्या के लिए ब्रिटेन के अस्पताल को ठहराया था जिम्मेदार : रिपोर्ट
ब्रिटिश-भारतीय डॉक्टर ने अपनी आत्महत्या के लिए ब्रिटेन के अस्पताल को ठहराया था जिम्मेदार : रिपोर्ट
लंदन:
पिछले साल जून में अपनी जीवन लीला समाप्त करने वाली 35 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय डॉक्टर ने अपनी मौत के लिए अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया था, जहां वह काम करती थी। बमिर्ंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल (क्यूईएच) में काम करने वाली जूनियर डॉक्टर वैष्णवी कुमार ने अपनी मां को लिखे एक पत्र में कहा था अस्पताल में काम के माहौल ने मुझे तोड़ दिया।बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर ने पत्र में लिखा था, मुझे खेद है मां, मैं पूरी चीज के लिए क्यूईएच को जिम्मेदार ठहरा सकती हूं।
कुमार ने अपनी मां को लिखे अपने नोट में कहा था कि क्यूईएच में काम करने के दौरान उसके मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट आई।
पुछताछ में पाया गया कि कुमार ने अस्पताल की परिस्थितियों से संघर्ष करने के बाद अपनी जीवन समाप्त कर ली। वह अक्सर रोते हुए घर लौटती थी।
कुमार के माता-पिता ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने अन्य जूनियर डॉक्टरों की मदद करने के प्रयास के तहत इसका खुलासा किया है।
वैष्णवी के पिता डॉ. रवि कुमार कहते हैं कि क्यूईएच ने उनकी बेटी को मार दिया। उसे बहुत अधिक डराने-धमकाने और तनाव का सामना करना पड़ा होगा अन्यथा वह वह खुदकुशी न करती।
उन्होंने कहा, जिन लोगों ने ऐसा किया है उन्होंने भारी नुकसान किया है और इससे मुझे गुस्सा आता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्यूईएच में जाने से पहले वैष्णवी कुमार ने सैंडवेल और वेस्ट बमिर्ंघम अस्पताल में एक मुख्य रजिस्ट्रार के रूप में काम किया था, जहां उन्हें एक उत्कृष्ट प्रशिक्षु और अन्य जूनियर डॉक्टरों के लिए एक सलाहकार के रूप में देखा गया था।
क्यूईएच में उसका संघर्ष दिसंबर 2021 के आसपास शुरू हुआ और उसने 22 जून, 2022 को आत्महत्या कर ली।
क्यूईएच यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स बमिर्ंघम एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के अंतर्गत आता है, जिसे 20 हजार से अधिक कर्मचारियों के साथ यूके में अग्रणी एनएचएस ट्रस्टों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
पिछले महीने बमिर्ंघम से ब्रिटिश-सिख सांसद प्रीत कौर गिल ने यूनिवर्सिटी अस्पताल बमिर्ंघम (यूएचबी) में कथित बदमाशी संस्कृति की स्वतंत्र जांच शुरू करने के लिए स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात की थी।
गिल ने कहा कि कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के सदस्यों को कई वर्षों से परेशान किया जा रहा है, जिसके कारण परामर्श, अवसाद और काम से दूरी की अवधि बढ़ गई है।
बीबीसी के अनुसार कर्मचारियों की रिपोटरें के बाद क्यूईएच वर्तमान में तीन अलग-अलग समीक्षाओं के अधीन है, जिसमें कहा गया है कि ट्रस्ट में भय का माहौल है।
बमिर्ंघम और सोलीहुल इंटीग्रेटेड केयर बोर्ड ने क्यूईएच में संस्कृति की तीन-भागों में समीक्षा की घोषणा की।
पहली रिपोर्ट जनवरी 2023 के अंत में आने की उम्मीद है।
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