भारतीय मूल के 34 वर्षीय एक व्यक्ति ने धोखाधड़ी की बात स्वीकार की। उसने अन्य लोगों की ओर से 36 से अधिक ड्राइविंग थ्योरी टेस्ट दिए और हर बार 1,500 पाउंड तक की कमाई की।
द रीडिंग क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को रीडिंग मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होकर, रिडोल एवेन्यू, स्वानसी के सतविंदर सिंह ने धोखाधड़ी व फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस होने की बात स्वीकार की।
चार साल से अधिक समय तक, सतविंदर ने उन लोगों के लिए टेस्ट दिया, जो अंग्रेजी नहीं जानतेे थे। इसके एवज में उसने प्रति व्यक्ति 1500 पाउंड लिए, जबकि केवल 23 पाउंड का खर्च था।
अमृतपाल सिंह के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले सतविंदर ने रीडिंग, मैनचेस्टर, शेफील्ड, साउथगेट, ऑक्सफोर्ड, आयल्सबरी, गिल्डफोर्ड, स्टेन्स और ब्रिस्टल सहित पूरे यूके में यह धोखाधड़ी़ की।
ड्राइविंग वाहन मानक एजेंसी (डीवीएसए) द्वारा 2019 में देश भर में सतविंदर और अधिसूचित केंद्रों की तस्वीर जारी करने के बाद, उसे 6 जून को एक सिद्धांत परीक्षण केंद्र में देखा गया, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि रीडिंग में पियर्सन परीक्षण केंद्र के स्टाफ के एक सदस्य ने सतविंदर को इमारत में प्रवेश करते देखा, जहां उसने कहा कि वह अमृतपाल सिंह है और उस नाम का ड्राइविंग लाइसेंस पेश किया।
द रीडिंग क्रॉनिकल ने अभियोजक डेबोरा स्पेक्टर के हवाले से कहा, “वह लाइसेंस पर मौजूद व्यक्ति होने का नाटक कर रहा था। यह जानने के बावजूद कि वह लाइसेंस वाला व्यक्ति नहीं है, स्टाफ के सदस्य ने पुलिस के आने तक उसे परीक्षण की अनुमति दे दी।
पुलिस के पहुंचने के बाद, सिंह ने अपनी पहचान अमृतपाल सिंह के रूप में दी, लेकिन पुलिस को एक रेंज रोवर कार की चाबियां मिलीं, जो उसके असली नाम से पंजीकृत थी।
स्पेक्टर ने अदालत को बताया कि सतविंदर ने पियर्सन और रीड परीक्षण केंद्रों पर पैसे के लिए दूसरे उम्मीदवारों की जगह टेस्ट देने की बात स्वीकार की।
उन्होंने कहा, इस गतिविधि में शामिल लोगों द्वारा छद्मवेशी बनकर कमाया गया मुनाफा बहुत बड़ा है और इसे संगठित अपराध के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
मजिस्ट्रेट ने सतविंदर के मामले को उसकी अगली सुनवाई की तारीख तय करने के लिए क्राउन कोर्ट में भेज दिया है।
रीडिंग मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दी कि वह किसी भी रीड्स या पियर्सन ड्राइविंग थ्योरी टेस्ट सेंटर में शामिल नहीं होंगे।
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Source : IANS