आतंकवाद पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भारत की मुहिम ब्रिक्स सम्मेलन में भी जारी रहेगी। पाकिस्तान के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिये भारत कूटनीतिक पहल और तेज करेगा। इस कोशिश से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और समर्थक देशों पर दबाव बनाने की कोशिश होगी। इस सिलसिले में मसूद अजहर का बचाव कर रहे चीन के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की मुलाकात अहम होगी।
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर भारत के प्रस्ताव का विरोध किया है। भारत ने अपने प्रस्ताव में आतंकी मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की मांग की है।
पीएम मोदी ब्रिक्स सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। उनके साथ भी आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा होगी।
गोवा में शनिवार को शुरू हो रहे BRICS सम्मेलन में मेजबान भारत के अलावा, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी शामिल है। जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकी हमले के बाद हो रहे BRICS सम्मेलन में भारत आतंकवाद और आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग करेगा।
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आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र और G-20 सम्मेलन में पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की जिसमें उसे सफलता भी मिली है।
जानकारी हो कि SAARC सम्मेलन के रद्द होने के बाद भारत में हो रही इन बैठकों का महत्व बढ़ गया है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि BRICS बैठक के बाद आतंकवाद पर एक मजबूत प्रस्ताव लाने का प्रयास होगा। भारत इस प्रस्ताव में आतंकवाद को संरक्षण देने वाले देश से निपटने के तौर-तरीके को भी इस प्रस्ताव में शामिल कराने की कोशिश करेगा।
Source : News Nation Bureau