पाकिस्तान और चीन सीमा पर अब सैटेलाइट से रखी जाएगी नजर, घुसपैठ रोकने में मिलेगी मदद

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, आईटीबीपी और सशस्त्र सीमा बल के जवान हर हाल, हर मुश्किल में अपनी ड्यूटी पर डटे रहते हैं। इन्हीं जवानों को अब पेट्रोलिंग और सर्वीलांस के लिए सैटेलाइट से सीधे मदद भी मिलेगी।

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, आईटीबीपी और सशस्त्र सीमा बल के जवान हर हाल, हर मुश्किल में अपनी ड्यूटी पर डटे रहते हैं। इन्हीं जवानों को अब पेट्रोलिंग और सर्वीलांस के लिए सैटेलाइट से सीधे मदद भी मिलेगी।

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vineet kumar
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पाकिस्तान और चीन सीमा पर अब सैटेलाइट से रखी जाएगी नजर, घुसपैठ रोकने में मिलेगी मदद

बॉर्डर की सुरक्षा में दिन रात तैनात रहने वाले हमारे जवानों को अब मदद के लिए आसमानी निगाह मिलने वाली है। ये आसमानी निगाह होगी एक सैटेलाइट जो बॉर्डर पर पेट्रोलिगं करने वाले जवानों को बॉर्डर के हालात से रियल टाइम में रुबरू कराएगी।

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दो सीमाओं पर पाकिस्तान और तीसरी ओर चीन, भारत के नक्शे पर सरहदों की ये वह लकीरें हैं जिनपर दिन रात हमारे जवानों की निगाह लगी रहती है।

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, आईटीबीपी और सशस्त्र सीमा बल के जवान हर हाल, हर मुश्किल में अपनी ड्यूटी पर डटे रहते हैं। इन्हीं जवानों को अब पेट्रोलिंग और सर्वीलांस के लिए सैटेलाइट से सीधे मदद भी मिलेगी।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार BSF, ITBP और SSB के लिए सैटेलाइट बैंड विड्थ तय करना चाहती है। इस सैटेलाइट से तीनो फोर्स के जवानों को बॉर्डर पर गतिविधि की रियल टाइम जानकारी दी जाएगी।

इस बाबत सैन्य अधिकारियों औऱ गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के बीच बैठक भी हुई है और बहुत मुमकिन हैं कि तीनों फोर्स के लिए अलग अलग सैटेलाइट तय कर दी जाए। दरअसल, इस कदम को उठाने की वजह देश के उत्तरी और पूर्वी बॉर्डर पर लगातार बढ़ती गतिविधियां है।

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एक तरफ पाकिस्तान लगातार सरहद पार से आतंकी घुसपैठ कराने की फिराक में जुटा रहता है तो दूसरी तरफ पूर्वोत्तर में चीन की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। ऐसे में बॉर्डर पेट्रोलिंग के लिए रियल टाइम डाटा एक जरूरत बन गई थी।

ऐसा नहीं है अभी बॉर्डर फोर्सेस को सैटेलाइट से जानकारी नहीं मिलती लेकिन रियल टाइम डाटा फोर्सेस के रिएक्शन टाइम को तेज और कम कर देगा। इससे सरहद पर घुसपैठ या किसी और नापाक कोशिश को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

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HIGHLIGHTS

  • देश के उत्तरी और पूर्वी बॉर्डर पर लगातार बढ़ती सक्रियता के बाद फैसला
  • सैटेलाइट से मिलेगा रियल टाइम डाटा, जवानों का काम होगा आसान
  • तीनों फोर्स के लिए तय किया जा सकता है अलग अलग सैटेलाइट बैंड विड्थ

Source : News Nation Bureau

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