राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने विस्तार की योजनाओं को लेकर तेजी से काम कर रहा है। संघ देश के तमाम गांवों और शहरों में ज्यादा से ज्यादा परिवारों तक पहुंच कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है।
संघ के विस्तार की योजनाओं के बारे में बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने विस्तार से उन तरीकों के बारे में बताया जिनके जरिए संघ अपने विस्तार की योजनाओं पर काम कर रहा है।
आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने बताया कि संघ ने इस साल जनवरी में श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान का समर्थन किया था और अन्य संगठनों से भी इस अभियान में बढ़-चढ़ कर शामिल होने का अनुरोध किया था।
अरुण कुमार ने बताया कि संघ का मुख्य उद्देश्य धन एकत्र करना नहीं था, बल्कि समाज के अधिकतम लोगों तक पहुंचना था। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 25 से 30 लाख महिला और पुरुष कार्यकर्ता जुड़े थे और इन सभी कार्यकर्ताओं ने देश के कुल 6.5 लाख गांवों में से 5.34 लाख गांवों में जाकर परिवारों से संपर्क किया। ये कार्यकर्ता सभी नगरों की सभी बस्तियों में गए और इस प्रकार से इन्होंने देश के 12.73 करोड़ परिवारों से संपर्क साधा। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सिर्फ संघ या संघ से जुड़े संगठनों के ही कार्यकर्ता नहीं जुड़े थे बल्कि समाज में काम करने वाले अन्य लोगों ने भी स्वयं प्रेरणा से इस अभियान में हिस्सा लिया था।
संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने संगठन के विस्तार की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि इन तमाम लोगों को शाखा , मिलन और मंडली के जरिए स्थायी रूप से संघ के साथ जोड़ने की योजना बनाई गई थी। अरुण कुमार ने बताया कि इस अभियान की प्रगति की समीक्षा कर्नाटक के धारवाड़ में चल रहे संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में की गई और साथ ही इसे लेकर भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
अरुण कुमार ने संघ के विस्तार की योजना के बारे में बताते हुए यह भी कहा कि इसके साथ ही संघ पर्यावरण सरंक्षण ( जल सरंक्षण , वृक्षारोपण , स्वच्छता -कचड़ा प्रबंधन ) , परिवार प्रबोधन ( परिवार में संस्कार और आपस मे संबंध ) , समरसता और सामाजिक सद्भाव जैसे 4 विषयों पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए भी लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
कर्नाटक के धारवाड़ में चल रहे संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक को लेकर मीडिया से बात करते हुए अरुण कुमार ने बताया कि कार्यकारी मंडल की बैठक में बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमले को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है, जिसमें हिन्दू समाज पर हो रहे हमलों को योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा हमला करार देते हुए बांग्लादेश सरकार से ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने और वास्तविक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है। प्रस्ताव में मानवाधिकार को लेकर काम करने वाले संगठनों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए संयुक्त राष्ट्र सहित तमाम वैश्विक एजेंसियों से हस्तक्षेप करने की मांग भी की गई है। इसके साथ ही भारत सरकार से भी कूटनीतिक और राजनयिक के हर संभव तरीकों से हस्तक्षेप करने की मांग प्रस्ताव में की गई है। स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उत्सव को लेकर भी संघ की बैठक में अलग से चर्चा और समीक्षा की गई ।
त्रिपुरा की घटना के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए संघ नेता ने मीडिया से कहा कि त्रिपुरा में अगर किसी ने कानून को हाथ मे लेकर कोई काम किया है तो उन्हें दंड मिलना चाहिए लेकिन इसकी तुलना बांग्लादेश हिंसा से कतई नहीं की सकती है।
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Source : IANS