शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण पर हाईकोर्ट की नसीहत, कहा-ऐसी परंपरा न डालें
गुरुवार को शिवाजी पार्क में आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह की कोई नियमित परंपरा नहीं बननी चाहिए.
highlights
- 2010 में इस क्षेत्र को घोषित किया गया था साइलेंस जोन.
- उद्धव ठाकरे अपने मंत्रियों साथ गुरुवार को इसी पार्क में लेंगे शपथ.
- कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत विभिन्न क्षेत्र के विशिष्ट लोग जुटेंगे.
Mumbai:
संभवतः इसे ही कहते हैं सिर मुड़ाते ओले पड़ना. शिवसेना के उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह पर बांबे हाईकोर्ट ने निगाहें टेढ़ी कर ली हैं. गुरुवार को शिवाजी पार्क में आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह की कोई नियमित परंपरा नहीं बननी चाहिए. गौरतलब है कि 2010 में इस क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित कर दिया था. यह अलग बात है कि शिवसेना शपथ ग्रहण समारोह को यादगार बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को न्योता देने के साथ-साथ शिवसेना शिवाजी पार्क को किसी दुल्हन की तरह सजाया-संवारा जा रहा है.
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साइलेंस जोन घोषित है यह इलाका
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे का शपथ ग्रहण समारोह पर बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक मैदानों पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की परंपरा नहीं बननी चाहिए. जस्टिस एस सी धर्माधिकारी और आर आई चागला की एक खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सार्वजनिक मैदान पर इस तरह के समारोह आयोजित करना एक नियमित परंपरा नहीं बनना चाहिए. इसके बाद हर कोई ऐसे समारोहों के लिए मैदान का उपयोग करना चाहेगा. गौरतलब है कि एक एनजीओ द्वारा जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने 2010 में इस क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित कर दिया था.
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कई राज्यों के सीएम संग जुटेंगे गणमान्य मेहमान
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे को गुरुवार शाम को दादर के शिवाजी पार्क में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी. ऐसा पहली बार हो रहा है जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य मुख्यमंत्री बन रहा है. ऐसे में शिवसेना की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि इस शपथ ग्रहण समारोह को ऐतिहासिक बनाया जाए. यही कारण है कि कई बड़े नेताओं को न्योता भेजा जा रहा है. इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता भी शामिल हैं. शिवाजी पार्क में करीब 70 हजार से अधिक कुर्सियां लगाई जा रही हैं, वहीं एक बड़े मंच पर मेहमानों के लिए सौ से अधिक कुर्सियां लगाई गई हैं.
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