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गोवा में अवैध रेत खनन पर लगाम कसने के लिए लगाए जाएं सीसीटीवी कैमरे : बंबई हाईकोर्ट

गोवा में अवैध रेत खनन पर लगाम कसने के लिए लगाए जाएं सीसीटीवी कैमरे : बंबई हाईकोर्ट

Updated on: 30 Sep 2021, 07:45 PM

पणजी:

गोवा स्थित बंबई हाईकोर्ट की पीठ ने गुरुवार को राज्य की नदियों से अवैध रूप से रेत की चोरी करने वाले रेत माफियाओं पर लगाम कसने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर राज्य पुलिस और प्रशासन को फटकार लगाई।

अदालत ने अब पुलिस को अपंजीकृत कैनो यानी डोंगी को जब्त करने और नष्ट करने तथा अवैध रूप से रेत की सप्लाई में लिप्त ट्रकों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं, अदालत ने अवैध रेत खनन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश भी दिया है।

गोवा फाउंडेशन की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एम. एस. सोनाक और एम. एस. जावलकर ने अपने आदेश में कहा, इस रेत खनन को रोकने के लिए कर्तव्यबद्ध अधिकारी, समय-समय पर हमारे द्वारा दिए गए आदेशों को लागू करने में गंभीरता से दिलचस्पी नहीं लेते हैं। हमारे अनुसार, अवैध रेत खनन में लिप्त लोग अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। दुर्भाग्य से, हम पाते हैं कि कई मामलों में अधिकारी भी धोखा खाने के लिए बहुत उत्सुक दिखाई देते हैं।

आदेश ने कहा गया है, पुलिस अधिकारी, विशेष रूप से, अवैध और अनधिकृत रेत खनन को रोकने के लिए सबसे अधिक ढीले हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को संबंधित पुलिस थानों को सख्त निर्देश जारी करना चाहिए कि वे अवैध रेत खनन को रोकने के लिए कदम उठाने वाले अधिकारियों को हर संभव सहयोग प्रदान करें।

अदालत ने कहा, डीजीपी को सभी संबंधित पुलिस स्टेशनों को अवैध रेत खनन के बारे में शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए सख्त निर्देश जारी करना चाहिए। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां पुलिस अधिकारी साइटों पर आने से इनकार करते हैं। डीजीपी से अपेक्षा की जाती है कि वे उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, जो इस प्रकार के कर्तव्यों के प्रति लापरवाही करते हैं।

अदालत ने राज्य प्रशासन को अवैध खनन हॉटस्पॉट के पास सीसीटीवी लगाने का भी निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रेत का अवैध खनन न हो।

हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है, इन डोंगियों के पास सरकारी संपत्ति पर खड़े रहने का कोई अच्छा कारण नहीं है। सरकार के पास अपनी संपत्ति पर ऐसी डोंगियों को पार्क करने की अनुमति देने का कोई सही कारण नहीं है, खासकर जब ये संपत्तियां अवैध रेत खनन के लिए हॉट-स्पॉट प्रतीत होती हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.