बीजेपी का मिशन 2019: यूपी का सीएम ऐसा हो जो पीएम मोदी को दोबारा दिल्ली की सत्ता पर बिठा सके

साल 2019 आने में भले ही देर हो लेकिन इस बात की चर्चा अभी से शुरू हो चुकी है कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती कौन देगा?

साल 2019 आने में भले ही देर हो लेकिन इस बात की चर्चा अभी से शुरू हो चुकी है कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती कौन देगा?

author-image
Jeevan Prakash
एडिट
New Update
बीजेपी का मिशन 2019: यूपी का सीएम ऐसा हो जो पीएम मोदी को दोबारा दिल्ली की सत्ता पर बिठा सके

फाइल फोटो

साल 2019 आने में भले ही देर हो लेकिन इस बात की चर्चा अभी से शुरू हो चुकी है कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती कौन देगा? दरअसल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मोदी की लहर ने विपक्ष की हवा बिगाड़ दी है। चाहे 60 साल तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस हो या उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव हों या कभी सोशल इंजीनियरिंग में मास्टर रहीं मायावती मोदी के आगे कहीं नहीं ठहरे।

Advertisment

मणिशंकर अय्यर, पी चिदंबरम और उमर अब्दुल्ला के हालिया बयान ने साफ कर दिया है कि विपक्ष मोदी की अपार चुनावी सफलता के आगे नतमस्तक है। बीजेपी ने मोदी के चेहरे पर 2014 की सफलता को 2017 में विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल कर दोहराया है। सत्तापक्ष को उम्मीद है कि ऐसी की सफलता 2019 में भी मिलेगी।

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वह 'न ही बैठेंगे और न ही बैठने देंगे।' उन्होंने कार्यकर्ताओं से 2019 के लिए तैयारी भी शुरू करने के लिए कहा है।

और पढ़ें: मोदी के मंत्री मनोज सिन्हा होंगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री? बीजेपी विधायक दल की बैठक 18 मार्च को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं से दलितों और युवाओं के बीच संपर्क बढ़ाने को कहा। जो उन्हें दोबारा दिल्ली की गद्दी तक पहुंचा सकता है। वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा की हाल के राज्य चुनावों में जीत के बाद अब पार्टी का अगला लक्ष्य संसदीय चुनाव ही है।

2019 की चुनौती ही है जो बीजेपी को उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक सफलता के बाद भी मुख्यमंत्री को लेकर इतना सोचने के लिए मजबूर कर रहा है। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि राज्य का मुख्यमंत्री ऐसा हो जो मोदी-शाह की इच्छा, जातिगत, क्षेत्रीय और संगठन तीनों में संतुलन बना सके।

और पढ़ें: बीजेपी सरकार में सतीश महाना, श्रीकांत शर्मा, रीता बहुगुणा जोशी, स्वाति सिंह को मिल सकती है जगह

बीजेपी ने 403 सदस्यीय विधानसभा में तीन-चौथाई बहुमत हासिल किया है। 17वीं विधानसभा में इसे 325 विधायकों का समर्थन हासिल है। इनमें सहयोगी दलों के विधायक भी शामिल हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी 80 में से 71 सीटें हासिल की थी। अब ऐसी सफलता की उम्मीद 2019 में भी है।

हालांकि ये सत्ता और सियासत की रेस है, जहां पल में बाजियां पलटती हैं। बिहार, दिल्ली और पंजाब के नतीजे और कभी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को मिली अपार सफलता और फिर हार इसके प्रमाण भी हैं। लेकिन आज अलग-थलग पड़ा विपक्ष लगभग हथियार डाल चुका है।

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर से जब गुरुवार को पूछा गया कि क्या आज अकेले कांग्रेस सक्षम है बीजेपी को रोकने में तो जवाब मिला - 'यह सवाल करने की क्या जरूरत है. आंकड़े देख लीजिए, साफ नज़र आता है। मूर्ख ही होगा जो कहेगा कि आज के दिन मोदी को अकेले हम हरा सकते हैं, लेकिन बुद्धिशाली होगा जो कहेगा कि 2019 में हम जीत सकते है और हम जीत जाएंगे।'

वहीं पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि चुनाव ने स्पष्ट रूप से यह स्थापित कर दिया है कि भारत में सबसे ज्यादा प्रभावशाली शख्सियत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी की जीत के बाद कहा था, 'पंजाब, गोवा और मणिपुर के नतीजों से साफ है कि बीजेपी को हराना नामुमकिन नहीं है, लेकिन इसके लिए रणनीति को बदलकर आलोचना के स्थान पर सकारात्मक विकल्प तलाशने की जरूरत है।'

उमर ने कहा था कि वर्तमान में कोई नेता ऐसा नहीं है जिसे देशभर में स्वीकार किया जा रहा हो और जो 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को टक्कर दे सके। इस स्तर पर हमें 2019 को भूलकर उम्मीद कायम रखते हुए 2024 के लिए योजना बनानी चाहिए।

और पढ़ें: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर बोले मणिशंकर अय्यर, अब लीडरशीप में बदलाव की जरूरत

Source : Jeevan Prakash

Narendra Modi General Elections BJP
      
Advertisment