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बीजेपी के 'शत्रु' क्या आरजेडी से बनेंगे पटना के 'साहेब'

खामोश, वैसे ये चर्चित डायलॉग तो है बिहारी बाबू और पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का लेकिन उनकी जगह अब बीजेपी खामोश है।

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kunal kaushal
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बीजेपी के 'शत्रु' क्या आरजेडी से बनेंगे पटना के 'साहेब'

तेजस्वी यादव के साथ शत्रुघ्न सिन्हा इफ्तार पार्टी में (फोटो- ट्विटर)

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खामोश, वैसे ये चर्चित डायलॉग तो है बिहारी बाबू और पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का लेकिन उनकी जगह अब बीजेपी खामोश है।

बिहारी बाबू 2014 में ऐतिहासिक जीत मिलने के बाद भी पार्टी और सरकार में ज्यादा तवज्जो नहीं मिलने से नाराज होकर आए दिन बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आग उगलते रहते हैं लेकिन बीजेपी ने बीते चार सालों से इसपर खामोशी ही बना रखी है।

शायद बीजेपी के चाणक्य अमित शाह बिहारी बाबू के सारे बयानों का बदला लोकसभा चुनाव में उनका पत्ता काट कर लेने की तैयारी में है।

आशियाना खोजते आरजेडी के पास पहुंचे शॉटगन
अब चूंकि एक साल बाद फिर से लोकसभा चुनाव होने हैं तो बिहारी बाबू को अपने राजनीतिक वजूद की चिंता सताने लगी है। इसलिए वो अपने नए आशियाने की तलाश में जुट गई हैं जहां उनकी दाल गल जाए।

कभी बिहार की दशा के लिए लालू यादव को कोषने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को आज राष्ट्रीय जनता दल और यादव कुनबा अपने परिवार की तरह लग रहा है।

एनडीए के इफ्तार पार्टी से किनारा कर उन्होंने लालू के बेटे तेजस्वी यादव के आयोजित इफ्तार पार्टी में शिरकत की जहां वो तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव से खूब घुलते-मिलते नजर आए।  हैं। भतीजे तेजप्रताप ने भी राजनीतिक माहौल का भांपते हुए आव देखा ने ताव चचा शत्रु को आरजेडी के टिकट पर 2019 का चुनाव लड़ने का ऑफर दे डाला। चाचा इससे इतने खुश हुए कि कह दिया कि तुम दोनों (तेजप्रताप और तेजस्वी) के मुंह में घी शक्कर।

अब भतीजों के बाद चाचा से प्यार जताने में भतीजी कैसे पीछे रहती इसलिए लालू यादव की बड़ी बेटी और सांसद मीसा भारती ने अगले लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब से आरजेडी का टिकट दिए जाने की घोषणा कर सियासी समीकरण बदलने के आसार पर मुहर भी लगा दी।
बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपने अंदाज में कहा, ‘सिचुएशन जो भी हो, स्थान यही होगा।‘

राजनीतिक परिस्थिति को भांपते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ कर बिहार में महागठबंधन की स्थिति में भी अपने लिए दरवाजा खुला रखना चाहते हैं। अगर गठबंधन के तहत सीटें इधर-उधर हों तो भी उनकी सीट कांग्रेस की तरफ से भी बची रहे इसकी जुगत में वो अभी से जुट गए हैं। 

काम के नाम पर शून्य रहे हैं बिहारी बाबू
अभिनेता से नेता बने बिहारी बाबू अपनी फिल्मी लोकप्रयिता की वजह से 2009 से अब तक सांसद रहे लेकिन बतौर जन प्रतिनिधि उपलब्धि को देखें तो नतीजा जीरो बटा सन्नाटा ही रहा है।

बिहारी बाबू न तो अपने लोकसभा क्षेत्र पटना साहिब में कभी नजर आते हैं और न ही कभी संसद में कभी किसी मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए। हां मायानगरी मुंबई से ये पटना की दौड़ समय समय पर जरूर लगाते रहते हैं ताकि लोग भूल न जाए और वो भी ऐसे समय में जब एक बार फिर उन्हें संसद बनने और तमाम सुविधाओं के लिए वोटों की जरूरत होगी।

पटना साहिब सीट से पत्ता कटना तय

आडवाणी खेमे के माने जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा पीएम मोदी के बड़े आलोचक हैं और आए दिन बीजेपी की चुनावों में हार और तमाम दूसरे मुद्दों पर वो पीएम मोदी को घेरते रहते हैं।

ऐसे में जब खुद आडवाणी को पार्टी से उम्र का हवाला देकर साइड लाइन किया जा चुका है तो मोदी विरोधी बयान देने के बाद उनका पार्टी में क्या हश्र होने वाला है ये उन्हें अब अच्छे से पता चल चुका है। 

दूसरी तरफ बिहारी बाबू के पार्टी और सरकार विरोध बयानों के बावजूद बीजेपी या अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जाती। शायद बीजेपी उनके बयानों पर जवाब नहीं देकर मीडिया और बिहारी बाबू को यह संदेश देना चाहती है कि वो पार्टी के लिए कोई मायने नहीं रखते।

बीजेपी से निकाले जा सकते हैं बिहारी बाबू

पीएम मोदी और बीजेपी विरोधी बयान पर प्रतिक्रिया नहीं मिलने से खीजकर शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा अगली बार उससे भी कड़ा बयान देते हैं लेकिन पार्टी इसपर खामोश ही रहती है।

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हालांकि इस बार ऐसा नहीं हुआ है। आरजेडी की इफ्तार पार्टी में जाने पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने उन्हें पार्टी विरोधी काम नहीं करने की चेतावनी देते हुए कहा है कि बीजेपी में उनके गिने हुए चंद दिन ही अब बचे हैं। बहुत जल्द उनपर फैसला लिया जाएगा।

एक तरफ जहां 2019 की चुनौती के लिए नरेंद्र मोदी खुद हर सासंद के काम को रिव्यू कर रहे हैं जिनपर सांसदों का लोकसभा चुनाव में टिकट तय होगा। वहीं शत्रुघ्न सिन्हा का उनपर सीधा हमला और पटना साहेब में उनकी अनुपस्थिति से बीजेपी को उनके खिलाफ कार्रवाई करने और टिकट काटने का आधार दे देगी।

खैर देखने वाली बात यह होगी कि बीजेपी शत्रु की जगह वीआईपी सीट माने जाने वाले पटना साहिब क्षेत्र से किसे मैदान में उतारती है और क्या बिहारी बाबू आरजेडी के टिकट पर उसके खिलाफ ताल ठोक कर धूल चटा पाएंगे।

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Source : Kunal Kaushal

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