लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र और फिर तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ सीटों का तालमेल करने के बाद बीजेपी ने साफ संकेत दिए हैं कि वह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में किसी पार्टी से हाथ मिलाने के बजाय अपने बूते ही चुनाव लड़ेगी। अलबत्ता पार्टी केरल में जरूर सहयोगी की तलाश में है और इस मामले में वह एक पार्टी से लगातार बातचीत भी कर रही है। पार्टी को लग रहा है कि तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ समझौता होने के बाद बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी। पार्टी को लगता है कि अगर उसके पत्ते सही पड़े तो दक्षिण भारत में उसकी सीटों का आंकड़ा 50 तक पहुंच सकता है।
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ पहले ही समझौता टूट चुका है और फिलहाल उसके फिर से बहाल होने की कोई गुंजाइश नहीं है। पार्टी इस राज्य में दूसरी बड़ी वाईएसआर कांग्रेस के साथ भी हाथ मिलाने के लिए आतुर नहीं है। इसकी वजह वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनरेड्डी पर करप्शन के आरोप लगे होना है। ऐसे में बीजेपी नहीं चाहती कि जगन की पार्टी से हाथ मिलाकर वह करप्शन के मोर्चे पर समझौता करती नजर आए। हालांकि पार्टी की नजर केरल पर जरूर है।
पार्टी महासचिव मुरलीधर राव के मुताबिक केरल में बीजेपी की एसडीएनपी यानी श्रीनारायण धर्म पारिपालन योगाम के साथ बातचीत चल रही है। उन्हें लगता है कि यह बातचीत सिरे चढ़ेगी और दोनों के मिलकर चुनाव लड़ने का बीजेपी को भी फायदा मिलेगा। पार्टी नेताओं का कहना है कि कर्नाटक में भी बीजेपी के लिए अच्छे आसार हैं। हालांकि वहां जेडीएस और कांग्रेस की सरकार है लेकिन हाल के दिनों में इन दोनों ही दलों में जो सिर फुटौव्वल हुई है, उससे बीजेपी उत्साहित है। उसे लगता है कि कर्नाटक में इसी मुद्दे को भुनाते हुए जनता से कहा जाएगा कि अगर केंद्र में भी मोदी सरकार नहीं बनी तो इसी तरह राजनीतिक दलों में सर फुटौव्वल होगी।
पार्टी के एक सीनियर लीडर के मुताबिक हालांकि पिछली बार दक्षिण भारत से बीजेपी को कर्नाटक के अलावा कहीं बड़ी सफलता नहीं मिली थी, लेकिन इस बार तमिलनाडु में एनडीए के लिए अच्छे आसार बन रहे हैं। कर्नाटक में भी पार्टी अच्छी सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है।
आंध्र प्रदेश-तेलंगाना में अकेले ही मैदान में उतरेगी बीजेपी
Source : News Nation Bureau