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'योगी मॉडल' से बंगाल में ममता बनर्जी को पटखनी देगी BJP? बनाई ये रणनीति

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में टीएमसी को यूपी के योगी मॉडल (Yogi Model) के जरिए घेरने की तैयारी कर ली है. बिहार और हैदराबाद के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) बंगाल में भी ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार करेंगे.   

Updated on: 23 Dec 2020, 11:46 AM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी के शीर्ष नेताओं के तोबड़तोड़ बंगाल दौरे के बाद बंगाल में बीजेपी को जिस तरह का समर्थन मिल रहा है उससे पार्टी खासी उत्साहित नजर आ रही है. बीजेपी ने अब यूपी के योगी मॉडल के जरिए ममता बनर्जी को घेरने की योजना बनाई है. बिहार और हैदराबाद में योगी आदित्यनाथ की रैलियों से मिली सफलता के बाद इसे बंगाल में भी भुनाने की तैयारी की जा रही है. योगी बंगाल में कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों के किए गए कामों से लेकर लव जिहाद पर कानून, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और राम मंदिर निर्माण को लेकर किए गए कामों को आधार बनाकर पार्टी को मजबूत करने को काम करेंगे.  

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योगी ने 'भाग्यनगर' में बीजेपी को चमकाया
योगी आदित्यनाथ की छवि हिंदुत्व और फायरब्रांड नेता को तौर पर बन चुकी है. बीजेपी में योगी आदित्यनाथ का कद किस कदर बढ़ रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हैदराबाद के नगर निकाय चुनाव में प्रचार करने वाले वह बीजेपी के इकलौते मुख्यमंत्री थे. यहां उन्होंने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने की बात कही. उनके चुनाव प्रचार का नतीजा चुनाव के नतीजों में भी देखने को मिला. बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 सीटें जीतीं और ओवैसी की पार्टी AIMIM को तीसरे नंबर पर धकेलकर नंबर 2 की पार्टी बनकर उभरी. 

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बिहार चुनाव में 66 फीसद रहा स्ट्राइक रेट 
बिहार के चुनाव में भी योगी आदित्यनाथ की रैलियों ने कमाल दिखाया. योगी आदित्यनाथ ने बिहार चुनाव में 17 जिलों में 19 सभाएं की थी. इन रैलियों की प्रभाव करीब 75 सीटों पर था. इसमें से 50 सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों की जीत हुई थी. योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषणों में घुसपैठियों को बाहर खदेड़ने और धार्मिक फतवों के खिलाफ करारा प्रहार किया। योगी ने वहां खास तौर से हिंदू युवाओं को एनडीए के साथ लामबंद करने की कोशिश की जिसका असर नतीजों में दिखा था.