उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने यहां शुक्रवार को कहा कि बीजेपी की वजह से देश का मानवतावादी संविधान खतरे में जरूर है, लेकिन कांग्रेस ने भी संविधान को उसकी सही मंशा के अनुरूप लागू नहीं किया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान दिया है कि बीजेपी की नीतियों के चलते देश का संविधान खतरे में है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आरएसएस की विघटनकारी व हिंदुत्ववादी सोच के चलते देश का संविधान खतरे में है।
मायावती ने एक बयान जारी कर बीजेपी की ओर इशारा करते हुए कहा, 'ये लोग मुंह में राम, बगल में छुरी की तरह संविधान की शपथ लेकर सत्ता में तो आ गए हैं, लेकिन इसी संविधान की आड़ में अपनी घोर कट्टरवादी व जातिवादी नीतियों को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि सन् 1951 में देश के पहले कानून मंत्री बाबा साहेब ने पद से इस्तीफा क्यों दिया था।
मायावती ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस आज खुलेआम संविधान की अवमानना करके देश के इतिहास में काला अध्याय जोड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस का दामन भी कम दागदार नहीं है।
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राहुल गांधी ने गुरुवार को संसद में एक केंद्रीय मंत्री के संविधान को लेकर आए बयान का जिक्र करते हुए पार्टी सांसदों के विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
दरअसल, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री हेगड़े ने सोमवार को कर्नाटक के कोप्पल जिले के कुकनूर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, 'बीजेपी संविधान बदलने के लिए सत्ता में आई है।'
हेगड़े ने कहा था, 'लोग धर्मनिरपेक्ष शब्द से इसलिए सहमत हैं, क्योंकि यह संविधान में लिखा है। इसे (संविधान) बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं।'
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संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखने की शपथ लेने वाले 49 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा था, 'जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे बिना माता-पिता से जन्मे की तरह हैं। अगर कोई कहता है कि मैं मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्रह्मण या हिंदू हैं तो मुझे खुशी महसूस होती है, क्योंकि वे अपनी जड़ों को जानते हैं। जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, मैं नहीं जानता उन्हें क्या कहा जाए।'
हेगड़े के बयान पर कांग्रेस की राज्य इकाई ने कहा था कि बीजेपी अब उन विचारों की निंदा करने लगी है, जिन पर संविधान आधारित है।
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Source : IANS