प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए राज्य में कंस्ट्रक्शन पर पांच दिन जबकि जेनरेटर पर 10 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि सोमवार से दिल्ली की सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा। सरकार ने स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया है।
केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलने की अपील की है। इसके साथ ही कूड़ाघर में लगी आग को बुझाए जाने का आदेश जारी किया गया है। दिल्ली में गैस चैंबर जैसे हालात बनने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने बच्चों के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर रैली निकाली। इस बीच दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है।
पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने इस मामले में दिल्ली सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रदूषण से निपटने के उपायों को लागू करना राज्य की जिम्मेदारी है। दवे ने कहा, 'आपको क्या मदद चाहिए? हमने समय-समय पर मदद दी है लेकिन उसे लागू करना राज्य की जिम्मेदारी है।'
पड़ोसी राज्यों में फसलों को आग लगाए जाने के कारण को खारिज करते हुए दवे ने दिल्ली की खराब हालत के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'इसरो की तस्वीरें हमें बताती है कि दिल्ली के प्रदूषण में पड़ोसी राज्यों की भूमिका महज 20 फीसदी है। इसलिए उनके ऊपर आरोप लगाने से समस्या का समाधान नहीं मिलेगा।' दवे ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप की बजाए मसले से निपटने की जरूरत है।
इस बीच वेंकैया नायडु ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी और फिर उसे लागू किया जाएगा। नायडु ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा हालात से अंतरराष्ट्रीय स्तप पर उसकी छवि बिगड़ रही है।
Source : Newsd State Bureau