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'हाथ में संविधान दिल में वारिस पठान', बीजेपी का विपक्ष पर तीखा हमला

बीजेपी पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान घृणा (Hate Politics) की राजनीति हो रही है.

Updated on: 21 Feb 2020, 01:37 PM

highlights

  • आखिर 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ की बात क्यों की जा रही है.
  • पूरे देश में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है.
  • कुछ लोग सीएए के नाम पर लोगों में भ्रम फैला रहे हैं.

नई दिल्ली:

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता वारिस पठान (Waris Pathan) के भड़काऊ बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी तेवर कड़े कर चुकी है. बीजेपी पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान घृणा (Hate Politics) की राजनीति हो रही है. उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के मंच पर 'पाकिस्तान जिन्दाबाद' के नारे लगाये जाने के मामले का जिक्र कर कहा कि पूरे देश में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाने वाले से तो माइक छीन लिया गया लेकिन वारिस पठान के भाषण पर माइक क्यों नहीं छीना गया जबकि उस वक्त मंच पर ओवैसी खुद मौजूद थे. जब मंच के पीछे सिखाया जाता है तो कभी-कभी मंच के आगे हकीकत निकल जाती है.

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कुछ लोग कर रहे नफरत की राजनीति
पात्रा ने कहा, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे देश में घृणा की राजनीति कुछ लोग जो कर रहे हैं. उसका उदाहरण आज हम लेकर आए हैं. देश में हो रहे इस पूरे आंदोलन में उनका कोई तथाकथित लीडर है तो वह असदुद्दीन ओवैसी और एआईएमआईएम पार्टी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित भाजपा के दफ्तर में प्रेस वार्ता के दौरान पात्रा ने पूछा कि 'हमें बताएं कि आपको कौन सी आजादी चाहिए.' पूछा कि 'आखिर 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ की बात क्यों की जा रही है.' उन्होंने कहा कि 'ओवैसी की नीयत में खोट है.'

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विपक्ष सीएए के नाम पर फैला रहा भ्रम
उन्होंने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत अन्य विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग सीएए के नाम पर लोगों में भ्रम फैला रहे हैं. इनके हाथ में संविधान है लेकिन दिल में वारिस पठान है. हम नहीं चाहते कि अतीत में जो इस देश ने झेला वह फिर से ऐसे किसी साजिश का शिकार हो जिससे कि देश की अक्षुण्णता और अखंडता पर आंच आए. उन्होंने कहा कि जो मंच के पीछे सिखाया जाता है वह कभी-कभी मंच के आगे हकीकत निकल जाती है.