नागरिकता संशोधन विधेयक पर बोले राम माधव, यह किसी एक क्षेत्र के लिए नहीं, राज्यों पर नहीं पड़ेगा बोझ
मोदी सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 को आगे बढ़ाने पर असम गण परिषद (एजीपी) ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया.
नई दिल्ली:
मोदी सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 को आगे बढ़ाने पर असम गण परिषद (एजीपी) ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया. विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है. इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा, ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एजीपी ने एनडीए से नाता तोड़ दिया है. उनकी आकांक्षाएं सिर्फ आकांक्षाएं है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. हम असम के लोगों की पहचान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. एजीपी से निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं.'
BJP General Secretary Ram Madhav: Unfortunate that AGP has decided to quit NDA, their apprehensions are just apprehensions, there is no truth in them. We are committed to protecting the identity of ppl of Assam. Appeal to AGP to reconsider decision #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/1y7qqeLAQg
— ANI (@ANI) January 9, 2019
उन्होंने कहा, '1980 से यह मांग चली आ रही है. हमारी सरकार ने एसटी स्टेटस के 6 समुदाय (थाई, ट्री ट्राइब्स और अन्य) में विस्तार करने का फैसला किया है. उन्हें एक अलग आदिवासी समूह के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.'
BJP Gen Secy Ram Madhav: This has been a long-standing demand of successive Assam govts right from 1980. Our government has taken this decision of extending the ST status to six communities like Thai Ahom, tea-tribes & others. They will be categorized as a separate tribal group. pic.twitter.com/qPyfnKEbkw
— ANI (@ANI) January 9, 2019
राम माधव ने कहा, 'यह विधेयक किसी राज्य या क्षेत्र से संबंधित नहीं है. यह पूरे देश के लिए है. पिछले कई दशकों में भारत ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान अल्संख्यक यहां आ रहे हैं क्योंकि उनके पास जाने के लिए और कहीं नहीं है. वे भारत में शरण चाहते हैं. यह भारत का कर्तव्य है कि वे नागरिकता की सुविधा का विस्तार करें लेकिन यह किसी एक क्षेत्र के लिए नहीं है. यह कई शर्तों के साथ आ रहा है ताकि किसी राज्य पर बोझ न पड़े.'
Ram Madhav, BJP: The #CitizenshipAmendmentBill is not any state or region specific. It's for the entire country. In last so many decades India has seen phenomena of minorities from neighbourhood,especially from Pakistan&Afghanistan,coming to India as they have nowhere else to go. pic.twitter.com/7XSfZZWpZf
— ANI (@ANI) January 9, 2019
बता दें कि एजीपी के गठबंधन तोड़ने से हालांकि असम में गठबंधन वाली बीजेपी सरकार को कोई खतरा नहीं है. 126 सदस्यों वाली असम विधानसभा में BJP के 61 सदस्य हैं और उसे एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है जबकि इसके सहयोगी बीपीएफ के 13 सदस्य हैं. एजीपी के 14 विधायक हैं. कांग्रेस के 24 तथा एआईयूडीएफ के 13 सदस्य हैं.
लोकसभा में हुआ पारित
लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 पारित हो गया. यह विधेयक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के छह गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के पात्र आव्रजकों को भारतीय नागरिकता हासिल करने में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रावधान करता है.
मेघालय में प्रदर्शन
नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के विरोध में पूर्वोत्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) के मंगलवार को सुबह से शाम तक के बंद के दौरान मेघालय में सामान्य जनजीवन थम गया. राज्य के लगभग सभी सरकारी प्रतिष्ठान और शिक्षा संस्थान बंद रहे. सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से दूर रहा.
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