राम मंदिर के अयोध्या में नियत स्थान पर जल्द ही बनने की बात कहते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी को अपना रूख स्पष्ट करने की भी चुनौती दी. आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यहां पार्टी के चुनावी अभियान का श्रीगणेश करते हुए शाह ने कहा कि कुंभ मेला चल रहा है और यह बहुत स्वाभाविक है कि राम मंदिर की मांग उठाई जा रही है.
परेड ग्राउंड में पार्टी कार्यकर्ताओं के 'जय श्रीराम' के नारों के बीच बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'इस मामले पर बीजेपी की नीति हमेशा बहुत स्पष्ट रही है और मैं यहां यह घोषणा करना चाहता हूं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर जल्दी से जल्दी उसी स्थान पर ही बनना चाहिए.' उन्होंने इस संबंध में राहुल गांधी को भी अपना रूख साफ करने की चुनौती दी और कहा, 'आप (राहुल) अपना रुख साफ करो कि आप मंदिर बनाना चाहते हो या नहीं चाहते हो.' कांग्रेस पर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रास्ते में उच्चतम न्यायालय में अपने वकीलों के जरिए हमेशा अवरोध पैदा करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय से 2019 के चुनावों तक मामले की सुनवाई टालने का आग्रह किया था.
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चुनाव से पहले बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिये आये शाह ने 'त्रिशक्ति सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा, 'कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि उसने देश के सबसे पुराने मुकदमे की सुनवाई को टालने की मांग क्यों की.' राम मंदिर मामले में बीजेपी के दृष्टिकोण में कहीं कोई दुविधा नहीं होने का दावा करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी की ही सरकार है जिसने अयोध्या में विवादित स्थल से लगी 42 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि न्यास को लौटाने का निर्णय किया.
मोदी सरकार को स्पष्ट बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में दोबारा लाने का जनता से आह्वान करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह केवल पार्टी की नहीं देश की जरूरत है जो केवल मोदी के हाथों में ही सुरक्षित रह सकता है.
उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिचौलियों को दूर कर और जनता के कल्याण के लिये पूरी राशि लाभार्थियों तक पहुंचना सुनिश्चित कर देश में एक साफ सुथरी और पारदर्शी सरकार दी है. विपक्षी भी उन पर उंगली नहीं उठा सकते.' महागठबंधन बनाने के विपक्षी दलों के प्रयासों पर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ बुआ-भतीजा साथ आ गये हैं. आप को लगता है कि वे एक साथ रहेंगे? अगर चंद्रबाबू नायडू हल्द्वानी में जनसभा करेंगे या एच डी देवेगौडा देहरादून आयेंगे तो कोई उन्हें सुनेगा? ये क्षेत्रीय दलों के नेता है जिनकी सीमित अपील है.' शाह ने कहा कि गठबंधन का एक सूत्री एजेंडा मोदी को हटाना है जबकि मोदी का विजन सुशासन का है.
बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीढ़ बताते हुए शाह ने कहा कि केवल वे ही आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी को प्रचंड जीत दिला सकते हैं.
शाह ने कहा, 'ऐसा बीजेपी जैसी पार्टी में ही संभव हो सकता है जो लोकतांत्रित मूल्यों से संचालित होती है कि खंभों पर पार्टी के पोस्टर चिपकाने वाला मेरे जैसा छोटा कार्यकर्ता पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है, एक चाय बेचने वाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन सकता है.'
Source : PTI